5000 Rupee New Note – इन दिनों सोशल मीडिया पर एक नई अफवाह ने ज़ोर पकड़ लिया है – क्या आरबीआई 5000 रुपये का नया नोट जारी करने जा रहा है? फेसबुक, व्हाट्सऐप, यूट्यूब और कुछ वेबसाइट्स पर इस बारे में कई तरह की चर्चाएं और वीडियो सामने आ रहे हैं। कुछ लोग इसे नोटबंदी के बाद की सबसे बड़ी खबर बता रहे हैं तो कुछ इसे महंगाई की नई चाल कह रहे हैं।
तो चलिए आपको बताते हैं कि क्या वाकई में ₹5000 का नया नोट आने वाला है या ये सिर्फ एक और अफवाह है? पढ़िए पूरी जानकारी आसान भाषा में और जानिए असली सच्चाई।
कहां से शुरू हुई 5000 के नोट की बात?
बीते कुछ दिनों से कई सोशल मीडिया पोस्ट और वीडियो में दावा किया जा रहा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) जल्द ही ₹5000 का नया नोट लॉन्च करने वाला है। कुछ पोस्ट में तो नोट की तस्वीरें भी दिखाई जा रही हैं। दावा ये भी किया जा रहा है कि नया नोट ज्यादा सिक्योरिटी फीचर्स के साथ आएगा।
इन पोस्ट्स के चलते लोगों में उत्सुकता भी बढ़ी और भ्रम भी। कई लोगों ने इस पर खुशी जताई, तो वहीं कुछ लोगों ने चिंता जताई कि इतनी बड़ी करेंसी के कारण छोटे दुकानदारों को दिक्कत हो सकती है।
आरबीआई ने क्या कहा है?
सच्चाई यह है कि आरबीआई ने ₹5000 के नोट को लेकर कोई भी आधिकारिक घोषणा नहीं की है। न तो उनकी वेबसाइट पर और न ही उनके किसी सोशल मीडिया अकाउंट पर इस तरह की कोई जानकारी दी गई है।
आरबीआई का यह स्पष्ट कहना है कि वर्तमान में ऐसी कोई योजना नहीं है कि वह ₹5000 का नोट जारी करेगा। अगर भविष्य में ऐसा कुछ होता है, तो वो इसकी सूचना प्रेस रिलीज और वेबसाइट के ज़रिए देंगे।
भारत में अभी सबसे बड़ा नोट कौन सा है?
फिलहाल भारत में चलन में सबसे बड़ा नोट ₹500 का है। इससे पहले ₹2000 का नोट सबसे बड़ा हुआ करता था, जिसे साल 2023 में सरकार ने सर्कुलेशन से बाहर कर दिया था। यानी अब वह सिर्फ बैंकों में जमा करने और बदलवाने के लिए वैध था, बाजार में उसका इस्तेमाल बंद हो चुका है।
क्या भारत में पहले कभी ₹5000 का नोट था?
जी हां, भारत में 1954 में ₹5000 और ₹10,000 के नोट जारी किए गए थे।
लेकिन 1978 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई की सरकार ने इन बड़े नोटों को बंद कर दिया था ताकि काले धन और नकली नोटों पर लगाम लगाई जा सके। तब से लेकर अब तक भारत में ₹5000 का कोई नोट चलन में नहीं आया है।
अगर नया नोट आना हो तो क्या प्रक्रिया होती है?
नए करेंसी नोट को जारी करना कोई आसान काम नहीं होता। इसके लिए कई चरणों से होकर गुजरना पड़ता है, जैसे कि:
- आवश्यकता का मूल्यांकन – क्या सच में इतनी बड़ी करेंसी की ज़रूरत है?
- केंद्र सरकार की मंजूरी – आरबीआई को वित्त मंत्रालय की इजाजत लेनी होती है।
- डिज़ाइन और सिक्योरिटी फीचर्स तय करना – ताकि नकली नोट आसानी से न बने।
- मुद्रण और वितरण – नोट छापने के बाद बैंकों के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जाता है।
- जनता को सूचित करना – ताकि लोग नए नोट की पहचान कर सकें।
इन सभी चरणों के बाद ही कोई नया नोट जारी होता है। और यह सब कुछ सार्वजनिक रूप से घोषणा के साथ होता है।
तो ऐसे में 5000 के नोट का अचानक आ जाना और किसी को पता न चलना – ऐसा मुमकिन नहीं है।
क्या बड़े नोट मुद्रास्फीति बढ़ाते हैं?
इस बारे में कई अर्थशास्त्री कहते हैं कि बहुत बड़े मूल्यवर्ग के नोट चलन में आने से नकदी लेन-देन आसान तो हो सकता है, लेकिन इसका एक नकारात्मक असर ये होता है कि काले धन की समस्या फिर से बढ़ सकती है।
साथ ही, छोटे दुकानदार और ग्राहकों को छुट्टे की समस्या भी होती है।
इसलिए ज़्यादातर देश अब छोटे मूल्यवर्ग की डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा दे रहे हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल खबरों से सावधान रहें
आजकल सोशल मीडिया पर कुछ भी बहुत जल्दी वायरल हो जाता है – चाहे वो सच हो या झूठ।
5000 के नए नोट को लेकर भी यही हो रहा है।
कुछ यूट्यूब चैनल और फेसबुक पेज अपने व्यूज़ और लाइक्स बढ़ाने के लिए झूठी खबरें फैला रहे हैं।
ऐसे में ज़रूरी है कि आप किसी भी खबर की पुष्टि सरकारी वेबसाइट से करें और अफवाहों पर भरोसा न करें।
तो दोस्तो, अभी तक आरबीआई ने ₹5000 के नोट को लेकर कोई घोषणा नहीं की है।
जो भी खबरें सोशल मीडिया पर चल रही हैं, वो झूठी और भ्रामक हैं।
अगर भविष्य में ऐसा कोई फैसला होगा, तो उसकी जानकारी आपको RBI की आधिकारिक वेबसाइट या न्यूज चैनलों के ज़रिए सही समय पर मिल जाएगी।
इसलिए ऐसे वायरल पोस्ट्स को देखकर घबराने या उत्साहित होने की ज़रूरत नहीं है। सावधानी से सोचिए, समझिए और जांच कीजिए।