सिर्फ इतने साल की नौकरी में मिल जाएगी ग्रेच्युटी! कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत – Gratuity Rules

By Prerna Gupta

Published On:

Gratuity Rules – अगर आप कहीं नौकरी कर रहे हैं और मन में ये चिंता है कि “पांच साल पूरे नहीं हुए तो ग्रेच्युटी नहीं मिलेगी”, तो अब ये सोच बदलने का वक्त आ गया है। जी हां, अब हालात पहले जैसे नहीं हैं। कुछ कोर्ट के फैसलों और कानूनों की नई व्याख्याओं ने कर्मचारियों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है।

अब 4 साल और कुछ महीने की नौकरी पर भी आपको ग्रेच्युटी मिल सकती है, लेकिन कुछ शर्तों के साथ। चलिए, आपको आसान और कैजुअल भाषा में पूरी बात समझाते हैं कि ये नया नियम क्या है, किस पर लागू होता है और आपको इसका फायदा कैसे मिलेगा।

पहले क्या था नियम?

पहले यही समझा जाता था कि जब तक आप किसी कंपनी में लगातार पांच साल की नौकरी नहीं करते, तब तक ग्रेच्युटी का कोई हक नहीं बनता। बहुत से लोग इसी डर से चाहकर भी नौकरी नहीं छोड़ते थे या दूसरी जगह से मिले बेहतर ऑफर को भी ठुकरा देते थे।

यह भी पढ़े:
अब पेंशन में बढ़ोतरी! विधवाओं और अविवाहित पुरुषों को मिलेगा हर महीने ₹5,000 – Widow Pension Scheme

लेकिन अब इस सोच में बदलाव आया है। अब अगर आपने कंपनी में चार साल और पांचवें साल में भी कुछ समय (लगभग 240 दिन) तक काम किया है, तो आप ग्रेच्युटी के हकदार हो सकते हैं।

नया नियम क्या कहता है?

ग्रेच्युटी पेमेंट एक्ट, 1972 के अनुसार, अगर कोई कर्मचारी किसी संस्था में लगातार 4 साल और 240 दिन तक काम करता है, तो उसे ग्रेच्युटी दी जा सकती है।

इसमें 240 दिन पूरे होने की गिनती पांचवें साल में होती है। यानी अगर आपने चार साल की नौकरी के बाद पांचवें साल के 8 महीने (लगभग 240 दिन) पूरे कर लिए, तो आपको ग्रेच्युटी मिल सकती है। ये नियम खासकर उन लोगों के लिए बहुत राहत देने वाला है जो किसी वजह से 5 साल पूरे नहीं कर पाते।

यह भी पढ़े:
अब हर परिवार को मिलेगा फ्री गैस सिलेंडर! उज्ज्वला योजना के रजिस्ट्रेशन शुरू – PM Ujjwala Yojana 2025

किन पर लागू होता है ये नियम?

  • अगर आप किसी ऐसी कंपनी में काम करते हैं जहां हफ्ते में 6 दिन वर्किंग है, तो आपको पांचवें साल में कम से कम 240 दिन काम करना होगा।
  • वहीं, अगर आपकी कंपनी 5 दिन वीक पर चलती है (जैसे कि आईटी सेक्टर या ऑफिस वर्क), तो ये सीमा 190 दिन हो जाती है।
  • माइनिंग, फैक्ट्री और अन्य श्रमिक आधारित कार्यों में भी 190 दिन का नियम लागू होता है।

क्या हर राज्य में यही नियम लागू है?

ये थोड़ा पेचीदा है। कुछ हाई कोर्ट जैसे दिल्ली और मद्रास हाई कोर्ट ने कहा है कि 4 साल और 240 दिन की नौकरी पर भी ग्रेच्युटी मिलनी चाहिए। लेकिन कर्नाटक हाई कोर्ट की राय थोड़ी अलग है। वहां यह नियम सिर्फ खास परिस्थितियों में लागू होता है, जैसे बीमारी, दुर्घटना आदि के कारण नौकरी छोड़नी पड़ी हो।

मतलब साफ है – अगर आपने खुद अपनी मर्जी से इस्तीफा दिया है, तो हर राज्य में ये नियम लागू नहीं भी हो सकता। इसलिए जरूरी है कि आप अपने राज्य के लेबर लॉ ऑफिस या लेबर कोर्ट से जानकारी जरूर लें।

आपकी ग्रेच्युटी की रकम कैसे निकलेगी?

ग्रेच्युटी की राशि निकालने के लिए एक सिंपल सा फॉर्मूला है:

यह भी पढ़े:
सिर्फ चुनिंदा लोगों को मिलेगा फ्री राशन, देखें नई ग्रामीण राशन कार्ड लिस्ट – Ration Card Gramin List

(15 × अंतिम सैलरी × नौकरी की अवधि) ÷ 26

यहाँ अंतिम सैलरी में केवल बेसिक सैलरी और डीए (महंगाई भत्ता) शामिल होता है।

उदाहरण:
अगर आपकी आखिरी सैलरी ₹40,000 थी और आपने 5 साल नौकरी की, तो आपकी ग्रेच्युटी होगी:

यह भी पढ़े:
कोर्ट का बड़ा फैसला: अब संविदा कर्मचारियों को भी मिलेगा पुरानी पेंशन का हक – Old Pension Scheme

(15 × 40000 × 5) ÷ 26 = ₹1,15,385 (लगभग)

ये आपकी मेहनत और वफादारी के लिए कंपनी की तरफ से एक धन्यवाद होता है।

क्या इस पर टैक्स देना होगा?

नहीं, अगर आपकी ग्रेच्युटी की रकम 20 लाख रुपये से कम है, तो आपको उस पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा। ये पूरी तरह टैक्स-फ्री होती है।

यह भी पढ़े:
सिर्फ ₹35,000 सैलरी पर मिलेगा ₹1.41 लाख का फायदा! जानें ग्रेच्युटी कैलकुलेशन का फॉर्मूला – Gratuity Rule

लेकिन अगर आपको 20 लाख से ज्यादा की ग्रेच्युटी मिलती है (जैसे कि लंबे समय तक सरकारी सेवा में रहे हों), तो 20 लाख के बाद की रकम पर टैक्स देना पड़ सकता है।

नौकरी छोड़ने से पहले क्या करें?

  1. अपने सर्विस रिकॉर्ड अच्छे से चेक करें – कहीं कोई ब्रेक तो नहीं है?
  2. आपकी जॉइनिंग डेट और रिलीविंग डेट पर गौर करें।
  3. सारे जरूरी दस्तावेज़ जैसे सैलरी स्लिप, अपॉइंटमेंट लेटर और रिलीविंग लेटर संभाल कर रखें।
  4. अगर लगे कि मामला पेचीदा है, तो किसी लीगल एक्सपर्ट या लेबर लॉयर से सलाह लें।

कंपनी अगर ग्रेच्युटी देने से मना करे तो?

अगर आपकी कंपनी आपको ग्रेच्युटी देने से मना कर देती है, जबकि आपने चार साल और 240 दिन की सेवा पूरी की है, तो आप लेबर कमिश्नर ऑफिस या लेबर कोर्ट में शिकायत कर सकते हैं। वहां से कंपनी को नोटिस भेजा जा सकता है और आपको न्याय मिल सकता है।

अब ये कहना गलत नहीं होगा कि 4 साल 240 दिन की नौकरी करने वाले कर्मचारियों को भी उम्मीद की किरण नजर आने लगी है। कोर्ट के फैसले और नियमों की नई व्याख्या ने अब कर्मचारियों को उनका वास्तविक हक दिलवाने की दिशा में कदम बढ़ाया है।

यह भी पढ़े:
20वीं किस्त की तारीख हुई तय, इस दिन खाते में आएंगे पैसे – PM Kisan 20th Installment Date

अगर आप भी ग्रेच्युटी के नजदीक हैं, तो अब घबराने की जरूरत नहीं। बस अपने रिकॉर्ड संभालिए, नियम समझिए और कंपनी से संपर्क में रहिए।

Leave a Comment