सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के लिए नई गाइडलाइन – पहली कक्षा की उम्र सीमा तय First Class Admission Age Limit

By Prerna Gupta

Published On:

First Class Admission Age Limit – अगर आपके घर में छोटा बच्चा है और आप उसे पहली बार स्कूल भेजने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। क्योंकि हरियाणा सरकार ने पहली कक्षा (Class 1) में एडमिशन के लिए नई उम्र सीमा तय कर दी है। और ये नियम अब सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों पर लागू होंगे।

हर साल लाखों माता-पिता यही सोचते रह जाते हैं कि बच्चे को पहली में कब भेजा जाए, क्या उसकी उम्र ठीक है या नहीं। लेकिन अब इस उलझन से छुटकारा मिलने वाला है, क्योंकि हरियाणा शिक्षा विभाग ने साफ-साफ निर्देश दे दिए हैं।

पहली कक्षा में एडमिशन के लिए कितनी उम्र जरूरी?

नए नियम के मुताबिक, अब पहली कक्षा में दाखिले के लिए बच्चे की न्यूनतम उम्र 6 साल होनी चाहिए। मतलब ये कि अगर आपका बच्चा 1 अप्रैल 2025 तक 6 साल का हो चुका है, तभी वह पहली कक्षा में एडमिशन के लिए योग्य माना जाएगा।

यह भी पढ़े:
EPFO पेंशनर्स की बल्ले-बल्ले! अब ₹1,000 नहीं पूरे ₹3,000 मिलेंगे हर महीने EPFO Pension Hike News

लेकिन थोड़ी राहत की बात भी है। अगर किसी बच्चे की उम्र 1 अप्रैल तक नहीं पूरी होती, लेकिन वह 30 सितंबर 2025 तक 6 साल का हो जाएगा, तो उसे भी पहली कक्षा में एडमिशन मिल सकता है। यानी बच्चे का साल बर्बाद नहीं होगा।

पहले क्या था नियम?

अब अगर आप सोच रहे हैं कि पहले क्या नियम था, तो बता दें कि सत्र 2024-25 तक 5 साल 6 महीने की उम्र में भी बच्चे का एडमिशन हो जाता था। लेकिन अब इसे अपडेट कर दिया गया है ताकि बच्चों का मानसिक, शारीरिक और बौद्धिक विकास सही तरीके से हो सके।

 ⁠

ये नियम सभी स्कूलों पर लागू

हरियाणा के स्कूल शिक्षा निदेशालय ने यह साफ कर दिया है कि यह नियम सिर्फ सरकारी स्कूलों पर नहीं बल्कि प्राइवेट स्कूलों पर भी पूरी तरह से लागू होगा। किसी भी स्कूल को इस उम्र सीमा को नजरअंदाज करने की छूट नहीं है।

यह भी पढ़े:
RBI का बड़ा ऐलान – ₹100, ₹200 और ₹50 के नए नोट होंगे जारी – RBI New Guidelines

क्यों लिया गया ये फैसला?

इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य बच्चों की पढ़ाई की नींव को मजबूत बनाना है। जब बच्चा सही उम्र में स्कूल जाएगा तो:

  • वह चीजों को अच्छे से समझेगा
  • पढ़ाई में उसका मन ज्यादा लगेगा
  • टीचर के समझाने का तरीका उसके स्तर के अनुसार होगा
  • उसे नया माहौल अपनाने में दिक्कत नहीं होगी

कम उम्र में स्कूल भेजने से कई बच्चे असहज महसूस करते हैं और इसका असर उनकी शुरुआती पढ़ाई पर पड़ता है।

पूर्व-प्राथमिक से प्रोन्नति पर क्या नियम हैं?

अक्सर कई बच्चे Pre-Primary या Nursery क्लास पूरी कर लेते हैं लेकिन उनकी उम्र पहली कक्षा के लिए तय मानक से थोड़ी कम होती है। ऐसे मामलों में शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि अगर बच्चा 30 सितंबर 2025 तक 6 साल का हो रहा है, तो उसे प्रोन्नति दी जा सकती है।

यह भी पढ़े:
2025 में बदले ग्रेच्युटी के नियम – अब ₹35,000 वेतन पर मिलेगा ₹1.41 लाख का बड़ा लाभ Gratuity Rules 2025

इससे यह सुनिश्चित होता है कि बच्चा शैक्षणिक वर्ष से वंचित न रह जाए और उसका साल खराब न हो।

नई शिक्षा नीति (NEP 2020) से तालमेल

यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP) के अनुरूप है जिसमें भी देशभर में पहली कक्षा में दाखिले के लिए 6 वर्ष की उम्र तय की गई है। हरियाणा अब इस मानक के साथ चल रहा है, जिससे राज्य की शिक्षा व्यवस्था भी राष्ट्रीय स्तर पर एकरूप हो जाएगी।

अभिभावकों को क्या करना चाहिए?

इस नियम के बाद अभिभावकों के लिए सबसे जरूरी बात है कि वे अपने बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट सही करवा लें। क्योंकि एडमिशन के समय सबसे पहले जन्मतिथि देखी जाती है। अगर उसमें कोई गलती है, तो:

यह भी पढ़े:
अब तीन महीने की टेंशन खत्म – Airtel का सबसे सस्ता 90 दिनों का प्लान लॉन्च Airtel 90 Days Recharge Plan
  • उसे जल्द से जल्द सुधारें
  • नगर निगम या पंचायत से सही सर्टिफिकेट लें
  • जरूरी डॉक्युमेंट्स पहले से तैयार रखें

बाद में किसी कागज की कमी के कारण आपके बच्चे का एडमिशन रुक सकता है।

शिक्षा विशेषज्ञों की राय

शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों का भी मानना है कि यह फैसला एकदम सही है। 6 साल की उम्र में बच्चे का:

  • दिमाग पढ़ाई के लिए तैयार होता है
  • वह क्लास में ध्यान दे पाता है
  • उसे स्कूल का माहौल समझ आता है
  • साथी बच्चों के साथ घुलना-मिलना आसान होता है

अगर बच्चा बहुत छोटी उम्र में स्कूल जाता है, तो वह चीजों को समझ नहीं पाता और पढ़ाई उसके लिए बोझ बन जाती है।

यह भी पढ़े:
30 जून तक नहीं किया ये काम तो बंद हो जाएगा फ्री राशन – Ration Card Update 2025

हरियाणा सरकार का यह निर्णय बच्चों के उज्जवल भविष्य की ओर एक मजबूत कदम है। अब पहली कक्षा में एडमिशन के लिए न्यूनतम उम्र 6 साल होना जरूरी होगा और इस नियम से शिक्षा व्यवस्था में एकरूपता आएगी।

अभिभावकों के लिए यह जरूरी है कि वे इस नियम को ध्यान में रखते हुए अपने बच्चों के एडमिशन की तैयारी करें। सही उम्र में स्कूल भेजना न सिर्फ बच्चों के लिए फायदेमंद है बल्कि पूरे शैक्षणिक सिस्टम को भी मजबूत बनाता है।

यह भी पढ़े:
बदल गए किराएदारी के नियम! अब हर कोई नहीं दे सकेगा किराए पर मकान – New Rules For House Rent

Leave a Comment

Join Whatsapp Group