अगर आपका चेक हुआ बाउंस तो भुगतना पड़ेगा ये बड़ा झटका – जानें नए नियम Cheque Bounce Rule

By Prerna Gupta

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Cheque Bounce Rule – अगर आप भी लेन-देन के लिए चेक का इस्तेमाल करते हैं तो अब सावधान हो जाइए। सरकार ने चेक बाउंस को लेकर बेहद सख्त नियम लागू कर दिए हैं। अब चेक बाउंस को सिर्फ एक सामान्य गलती नहीं माना जाएगा, बल्कि यह एक गंभीर अपराध की तरह ट्रीट किया जाएगा। नए नियमों के तहत आपको न सिर्फ भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है, बल्कि जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है।

चेक बाउंस क्यों होता है और इसका क्या मतलब है?

सबसे पहले बात करते हैं कि चेक बाउंस आखिर होता क्या है। जब कोई व्यक्ति किसी को चेक देता है लेकिन उसके खाते में उतने पैसे नहीं होते, या फिर चेक पर साइन गलत होता है या उसकी वैधता खत्म हो चुकी होती है, तो बैंक वह चेक रिटर्न कर देता है। इस स्थिति को ही चेक बाउंस कहा जाता है।

अब तक बहुत से लोग इस मुद्दे को हल्के में लेते थे, लेकिन अब सरकार ने इस पर कड़ा रवैया अपनाया है। वजह साफ है – इससे छोटे व्यापारियों, दुकानदारों और आम लोगों को बार-बार आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा था।

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नए नियम क्या कहते हैं?

अब चेक बाउंस होने पर आपको पहले से दोगुना जुर्माना देना पड़ सकता है। यानी अगर आपने किसी को ₹50,000 का चेक दिया और वह बाउंस हो गया, तो आपको ₹1 लाख तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। और यही नहीं, बार-बार ऐसा करने पर बैंक आपका अकाउंट फ्रीज भी कर सकता है।

खाता फ्रीज – अब नहीं निकल सकेंगे पैसे

नए नियमों के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति बार-बार चेक बाउंस करता है, तो बैंक उसके खाते को फ्रीज कर सकता है। यानी आप न तो पैसे निकाल सकेंगे और न ही किसी को पेमेंट कर सकेंगे। सोचिए, अगर व्यापार करते हैं और अकाउंट फ्रीज हो जाए तो कितना बड़ा झटका लगेगा।

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बैंक लेगा अतिरिक्त चार्ज

इतना ही नहीं, चेक बाउंस होने पर बैंक ₹100 से ₹750 तक का अतिरिक्त चार्ज भी वसूल सकता है। यह चार्ज बैंक के नियमों पर निर्भर करता है। कुछ बैंक तुरंत पैसे काट लेते हैं, कुछ पहले वॉर्निंग देते हैं। लेकिन कुल मिलाकर जेब पर भार जरूर पड़ेगा।

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अब जेल भी हो सकती है

चेक बाउंस की स्थिति में सिर्फ जुर्माना नहीं, बल्कि जेल भी हो सकती है। भारतीय दंड संहिता की धारा 138 के तहत दो साल तक की सजा का प्रावधान है। अगर आपने बार-बार ये गलती की है तो आपके खिलाफ कोर्ट में केस चलेगा और जेल जाना तय हो सकता है। पहली बार गलती करने वालों को सिर्फ जुर्माना लग सकता है लेकिन दोहराने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

तेजी से होगी कानूनी कार्रवाई

पहले चेक बाउंस के मामलों में कोर्ट का चक्कर काटना पड़ता था, लेकिन अब इन्हें फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुना जाएगा। अगर आपके साथ कोई चेक बाउंस करता है तो आप 30 दिन के भीतर उसे नोटिस भेज सकते हैं। अगर 15 दिन में पैसा नहीं आता तो आप सीधे कोर्ट जा सकते हैं।

डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम लागू

सरकार ने इस व्यवस्था पर निगरानी रखने के लिए एक डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम भी तैयार किया है। अब सभी बैंकों का डेटा जुड़ा हुआ है। अगर कोई व्यक्ति अलग-अलग बैंकों में चेक बाउंस करता है तो उसकी जानकारी तुरंत अधिकारियों को मिल जाएगी।

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बार-बार गलती करने वाले लोगों को ब्लैकलिस्ट भी किया जा सकता है और आगे चलकर उन्हें चेक बुक देने से इनकार किया जा सकता है।

छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत

छोटे दुकानदार और व्यापारी अक्सर चेक के भरोसे माल सप्लाई करते हैं। जब चेक बाउंस हो जाता है तो उन्हें न सिर्फ पैसों का नुकसान होता है, बल्कि कोर्ट-कचहरी का चक्कर भी लगाना पड़ता है। अब नए नियमों से उन्हें थोड़ी राहत मिलेगी। क्योंकि सामने वाला अब यूं ही लापरवाही से चेक नहीं देगा।

भविष्य में क्या असर दिखेगा?

सरकार को उम्मीद है कि इन नियमों के लागू होने से चेक बाउंस के मामलों में भारी गिरावट आएगी। लोग अब सोच-समझकर ही चेक जारी करेंगे। इससे वित्तीय अनुशासन बढ़ेगा, और व्यापार में भरोसा लौटेगा। हालांकि कुछ लोग इन नियमों को बहुत सख्त मान सकते हैं, लेकिन लंबे समय में यह नियम पूरे सिस्टम के लिए फायदेमंद होंगे।

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चेक से अब भी करते हैं लेन-देन? तो रखें ये बातें ध्यान में:

  1. चेक देने से पहले सुनिश्चित कर लें कि खाते में पैसे हैं।
  2. साइन बिल्कुल सही हों, किसी भी तरह की गलती से बचें।
  3. पुराने या पोस्टडेटेड चेक से बचें।
  4. अगर किसी का चेक बाउंस हो जाए तो समय पर कानूनी कदम उठाएं।

सरकार का ये कदम चेक बाउंस जैसी गंभीर समस्या को जड़ से खत्म करने की दिशा में है। इससे छोटे व्यापारियों और आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। अब चेक देने से पहले लोगों को अपनी जिम्मेदारी का एहसास होगा। यह नियम न केवल व्यवस्था में अनुशासन लाएगा, बल्कि ईमानदार लोगों को सुरक्षा भी देगा।

 

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