New Toll Tax Rules – अब टोल टैक्स देने का तरीका पूरी तरह बदलने वाला है। अब तक आपने फिक्स रेट पर टोल टैक्स दिया होगा, लेकिन जल्द ही भारत में “किलोमीटर बेस्ड टोल टैक्स सिस्टम” लागू किया जाएगा। यानी जितना चलेंगे, उतना ही टोल देंगे। ये खबर उन सभी वाहन चालकों के लिए बेहद जरूरी है जो हाइवे या लंबी दूरी की यात्रा करते हैं।
इस आर्टिकल में हम समझेंगे कि ये नई टोल पॉलिसी क्या है, कैसे काम करेगी, इसके पीछे की तकनीक क्या है और सबसे जरूरी – ये आपको कैसे फायदा पहुंचाएगी।
क्या है नई टोल टैक्स पॉलिसी?
भारत सरकार यानी सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय अब “यूज़ के अनुसार पेमेंट” यानी Pay As You Use पॉलिसी लाने जा रहा है। इस नई नीति में टोल टैक्स दूरी के अनुसार लिया जाएगा। मतलब, अगर आपने हाईवे पर सिर्फ 5 किलोमीटर का सफर किया है, तो आपको पूरे टोल की रकम नहीं भरनी पड़ेगी, बल्कि जितना सफर किया है उसी हिसाब से टोल देना होगा।
अभी तक क्या होता था?
आप चाहे 2 किलोमीटर चलें या 20 किलोमीटर, आपको पूरे टोल प्लाजा का फिक्स चार्ज देना पड़ता था। इससे छोटे सफर वालों को नुकसान होता था।
कैसे काम करेगी ये नई टोल टैक्स व्यवस्था?
इसमें इस्तेमाल होगी एक एडवांस तकनीक – ANPR (Automatic Number Plate Recognition)
इस तकनीक में होगा क्या:
- जब कोई वाहन टोल प्लाजा से गुजरेगा, कैमरा उसकी नंबर प्लेट को स्कैन करेगा।
- वाहन की एंट्री और एग्जिट प्वाइंट रिकॉर्ड होंगे।
- सॉफ्टवेयर आपकी यात्रा की दूरी को ऑटोमेटिक मापेगा।
- जितनी दूरी तय की है, उसके अनुसार टोल की रकम आपके बैंक अकाउंट से कट जाएगी।
बैंक से सीधे कटेगा पैसा – फास्टैग रिचार्ज की झंझट खत्म!
अब आपको बार-बार फास्टैग में बैलेंस भरने की जरूरत नहीं होगी। नई व्यवस्था में टोल टैक्स सीधे आपके बैंक अकाउंट से डेबिट हो जाएगा। इससे न सिर्फ समय बचेगा बल्कि रिचार्ज की चिंता भी खत्म होगी।
इसके फायदे:
- कोई लेट फीस या फास्टैग एक्सपायर होने की समस्या नहीं।
- टोल बूथ पर कोई रुकावट नहीं।
- हर ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड आपको मिलेगा।
वार्षिक फास्टैग – साल भर की टेंशन खत्म
सरकार एक और नया आइडिया ला रही है – Annual Fastag. इसका मतलब, आप एक बार सालभर का टोल भर दें और पूरे साल अनलिमिटेड सफर करें।
किसके लिए फायदेमंद होगा?
- जो लोग रोजाना हाइवे से आते-जाते हैं।
- टैक्सी, ट्रक और कमर्शियल वाहन मालिक।
- ऑफिस, बिजनेस या स्कूल के लिए नियमित रूप से हाइवे यूज़ करने वाले।
इसकी कीमत क्या होगी?
- वाहन के प्रकार और अनुमानित उपयोग पर निर्भर करेगी।
- जैसे प्राइवेट कार के लिए कम, जबकि ट्रक या बस के लिए ज्यादा।
कब से लागू होगी ये नई नीति?
अभी इस नई टोल पॉलिसी को लेकर सरकार ने कोई आधिकारिक तारीख घोषित नहीं की है। लेकिन खबरों के अनुसार:
- अभी ट्रायल और टेक्निकल टेस्टिंग चल रही है।
- कुछ चुनिंदा हाईवे पर पायलट प्रोजेक्ट शुरू होगा।
- टेस्टिंग सफल होने के बाद फेज वाइज देशभर में लागू किया जाएगा।
मतलब, हो सकता है 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत तक ये सिस्टम आपके शहर में दिखने लगे।
आपको क्या-क्या मिलेगा फायदा?
- फेयर चार्जिंग सिस्टम:
जितना सफर करेंगे, उतना ही पैसा देंगे। छोटे सफर वाले अब अनावश्यक रूप से ज्यादा टोल नहीं देंगे। - रुके बिना सफर:
पूरा सिस्टम ऑटोमेटिक है, कोई कैश नहीं, कोई कतार नहीं, बस निकलते जाइए। - रिचार्ज की झंझट खत्म:
बैंक से डायरेक्ट डेबिट, मतलब फास्टैग बैलेंस का टेंशन नहीं। - पारदर्शिता:
हर टोल कटौती की जानकारी मिलेगी – कब, कहां, कितना पैसा कटा। - कम टोल चोरी:
अब जब हर वाहन रिकॉर्ड होगा, तो चोरी या फर्जीवाड़े की संभावना नहीं बचेगी।
क्या हो सकती हैं चुनौतियां?
- तकनीकी गड़बड़ी: ANPR कैमरे और सॉफ्टवेयर का सेटअप हर जगह एक जैसा नहीं होता।
- नंबर प्लेट क्लियर न हो तो क्या होगा?
- स्लो इंटरनेट या खराब नेटवर्क एरिया में सिस्टम धीमा हो सकता है।
- कुछ लोगों के लिए सीधे बैंक से पैसा कटना थोड़ा असहज हो सकता है।
सरकार को इन सभी चुनौतियों का हल निकालने के बाद ही इस व्यवस्था को पूरे देश में लागू करना चाहिए।
अगर आप रोजाना हाईवे पर सफर करते हैं, तो नई टोल पॉलिसी आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। आपको सिर्फ उतना ही टोल देना होगा जितना आपने सड़क का इस्तेमाल किया है। साथ ही रुकने की जरूरत नहीं, बैंक से सीधे पेमेंट हो जाएगा।
हालांकि, जब तक ये व्यवस्था पूरी तरह लागू नहीं होती, आपको फास्टैग और पुराने टोल सिस्टम से ही गुजरना पड़ेगा। इसलिए अभी के लिए आप फास्टैग का सही इस्तेमाल जारी रखें।