Salary Hike – देशभर के 35 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 67 लाख पेंशनधारियों की नजरें इस वक्त एक ही बात पर टिकी हुई हैं – आखिर 8वां वेतन आयोग कब आएगा और इससे सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी? हर दिन इसको लेकर कोई न कोई अपडेट सामने आ रहा है, लेकिन अब तक सरकार की ओर से न कोई आधिकारिक घोषणा हुई है और न ही आयोग का गठन।
तो चलिए, आज हम आपको बताते हैं 8वें वेतन आयोग से जुड़ी पूरी कहानी आसान और कैजुअल टोन में – कब लागू हो सकता है, कितना बढ़ सकता है वेतन, और कर्मचारियों की क्या मांगें हैं।
अब तक क्यों नहीं हुआ गठन?
भारत सरकार हर 10 साल में नया वेतन आयोग लाती है। पिछला यानी 7वां वेतन आयोग 2014 में बना था और 2016 से लागू हुआ। उसी हिसाब से 8वां वेतन आयोग 2024 तक बन जाना चाहिए था ताकि 2026 से लागू हो सके। लेकिन जून 2025 तक आते-आते भी सरकार ने न तो आयोग बनाया है, न ही इसके नियम और टर्म्स तय किए हैं।
इससे कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति बन गई है। उनका मानना है कि यदि अब भी देरी हुई, तो आयोग की सिफारिशें समय पर लागू होना मुश्किल हो जाएगा।
आयोग बनने के बाद क्या-क्या होता है?
जब नया वेतन आयोग बनता है, तो उसका सबसे पहला काम होता है – देशभर के कर्मचारियों, यूनियनों, अर्थशास्त्रियों और सरकार से बातचीत करके उनकी राय लेना। फिर महंगाई, ज़रूरतों, खर्च और आमदनी का आकलन करके सिफारिशें तैयार की जाती हैं। ये पूरी प्रक्रिया कम से कम 18 महीने का समय लेती है।
अब अगर मान लें कि आयोग अगस्त 2025 में बनता है, तो सिफारिशें शायद 2026 के अंत तक ही आएंगी। इसका मतलब है कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 2026 से नहीं, बल्कि 2027 से लागू होने की संभावना है।
फिटमेंट फैक्टर – सैलरी में कितनी बढ़ोतरी?
हर वेतन आयोग में सबसे बड़ा बदलाव होता है फिटमेंट फैक्टर। यही तय करता है कि आपकी बेसिक सैलरी कितनी बढ़ेगी।
- 6वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 1.86 था
- 7वें वेतन आयोग में इसे बढ़ाकर 2.57 किया गया
- 8वें वेतन आयोग के लिए अनुमान है कि यह 2.5 से 2.86 के बीच हो सकता है
अब इसका मतलब क्या है?
मान लीजिए किसी कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी ₹18,000 है।
- अगर 2.5 का फैक्टर लागू हुआ, तो नई बेसिक सैलरी ₹45,000 होगी
- अगर 2.86 हुआ, तो यह सीधा ₹51,480 हो सकती है
यानी सैलरी में ₹27,000 से अधिक की सीधी बढ़ोतरी संभव है। यही कारण है कि कर्मचारियों की उम्मीदें बहुत ज्यादा हैं।
पेंशनधारियों को भी होगा फायदा
जैसे ही बेसिक सैलरी बढ़ेगी, उसी के आधार पर पेंशन की गणना होगी। इसका सीधा फायदा 67 लाख पेंशनधारियों को मिलेगा। उनके हाथ में भी बढ़ी हुई पेंशन आएगी, जिससे बढ़ती महंगाई से निपटने में राहत मिल सकती है।
क्यों हो रही है देरी?
सरकार पर यह आरोप लग रहे हैं कि 8वें वेतन आयोग को लेकर जानबूझकर देरी की जा रही है। वजह है – इससे सरकारी खजाने पर भारी बोझ पड़ेगा। वेतन और पेंशन बढ़ाने के लिए सरकार को हजारों करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट लगाना पड़ेगा। खासकर जब राज्य सरकारें भी केंद्र के फैसले को लागू करती हैं।
हालांकि कर्मचारी संगठन कहते हैं कि यह बहाना नहीं चल सकता। जब महंगाई लगातार बढ़ रही है, तो सैलरी बढ़ाना जरूरी है।
कर्मचारियों की क्या मांगें हैं?
- आयोग का गठन तुरंत हो
- फिटमेंट फैक्टर कम से कम 2.86 रखा जाए
- सभी ग्रेड और पद के कर्मचारियों की समस्याएं सुनी जाएं
- पेंशनधारियों का भी उचित प्रतिनिधित्व हो
- समय पर रिपोर्ट और लागू करने की प्रक्रिया हो
कई संगठनों ने सरकार को ज्ञापन सौंपा है और चेतावनी भी दी है कि अगर 2025 के अंत तक आयोग नहीं बना तो आंदोलन हो सकता है।
महंगाई ने सबकी कमर तोड़ी
आखिरी वेतन आयोग को आए लगभग 9 साल हो गए हैं। इन 9 सालों में पेट्रोल, डीजल, गैस सिलेंडर, स्कूल फीस, दवाइयां, इलाज, किराया – सब कुछ दोगुना-तिगुना हो चुका है। लेकिन सैलरी वहीं की वहीं है। यही वजह है कि कर्मचारी कह रहे हैं कि बिना वेतन बढ़ोतरी के अब गुज़ारा मुश्किल हो रहा है।
क्या उम्मीद की जा सकती है?
अगर केंद्र सरकार चाहे, तो आयोग का गठन अगले कुछ महीनों में हो सकता है। 2026 के आम बजट से पहले अगर इसकी घोषणा कर दी जाए, तो उम्मीद बन सकती है कि नया वेतन जनवरी 2027 से मिलना शुरू हो जाए।
लेकिन अगर राजनीतिक और वित्तीय कारणों से और टालमटोल की गई, तो यह 2028 तक भी खिंच सकता है।
8वें वेतन आयोग को लेकर तस्वीर अभी भी साफ नहीं है। लाखों कर्मचारियों और पेंशनधारियों की उम्मीदें सरकार पर टिकी हैं। अब यह देखना होगा कि केंद्र सरकार समय रहते फैसला लेती है या नहीं।
सरकार को चाहिए कि वो कर्मचारियों की आर्थिक परेशानियों को समझे और आयोग का गठन जल्द से जल्द करे ताकि वेतन बढ़ोतरी समय पर लागू हो सके।