Dearness Allowance News – महंगाई भत्ता यानी Dearness Allowance हर सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी के लिए बेहद अहम होता है। ये न सिर्फ सैलरी या पेंशन में सीधा इज़ाफा करता है, बल्कि महंगाई से लड़ने की ताकत भी देता है। लेकिन पिछले 5 साल से एक सवाल सभी केंद्रीय कर्मचारियों और रिटायर्ड कर्मचारियों के मन में अटका हुआ है – आखिर मार्च 2020 से जून 2021 तक का 18 महीने का DA और DR एरियर कब मिलेगा?
ये मुद्दा एक या दो बार नहीं, दर्जनों बार उठ चुका है। लेकिन अब लगता है कि ये सवाल दोबारा चर्चा में है क्योंकि कर्मचारी संगठनों ने इसे फिर जोरशोर से उठाना शुरू कर दिया है।
लॉकडाउन के समय लिया गया था बड़ा फैसला
साल 2020 में जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी की चपेट में थी, भारत में भी लॉकडाउन लगा। आर्थिक गतिविधियां लगभग ठप हो गई थीं। उस समय केंद्र सरकार ने वित्तीय दबाव का हवाला देते हुए महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) की बढ़ोतरी पर रोक लगा दी थी।
ये फैसला मार्च 2020 से लागू हुआ और जून 2021 तक रहा। यानी कुल 18 महीने तक कर्मचारियों और पेंशनधारकों को बढ़ा हुआ DA नहीं मिला। उस दौरान सरकार ने यह साफ किया था कि इस अवधि का एरियर (बकाया भुगतान) बाद में नहीं मिलेगा।
लेकिन कर्मचारी संगठनों ने इस पर ऐतराज जताया और अब तक लगातार इसकी बहाली की मांग कर रहे हैं।
कोविड के समय भी कर्मचारी निभाते रहे जिम्मेदारी
एक बड़ा तर्क कर्मचारी यूनियनों का ये रहा है कि लॉकडाउन के दौरान भी देश का सिस्टम नहीं रुका, क्योंकि सरकारी कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर तैनात रहे। डॉक्टर, नर्स, पुलिसकर्मी, सफाईकर्मी, प्रशासनिक कर्मचारी – सभी ने जान जोखिम में डालकर देश सेवा की।
ऐसे में उनका सवाल सीधा है – जब हमने अपनी ड्यूटी नहीं छोड़ी, तो सरकार ने हमारा भत्ता क्यों रोका?
63वीं जेसीएम बैठक में फिर उठी आवाज़
दिल्ली में हुई 63वीं JCM (Joint Consultative Machinery) की बैठक में एक बार फिर ये मुद्दा सामने आया। कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने सरकार के सामने DA एरियर का मामला जोरदार तरीके से रखा।
उनका कहना था कि यह सिर्फ पैसा नहीं, बल्कि कर्मचारियों के सम्मान और अधिकार की बात है। सरकार को चाहिए कि इस पर ठोस निर्णय ले और बकाया एरियर का भुगतान करे।
सरकार का जवाब – बजट का दबाव
इस मुद्दे पर सरकार की तरफ से अभी तक जो जवाब मिलता रहा है, वो लगभग एक जैसा रहा है। वित्त मंत्रालय का कहना है कि कोरोना काल में जो आर्थिक दबाव पड़ा था, उससे उबरने में वक्त लग रहा है। अगर अभी 18 महीने का DA बकाया दिया गया तो सरकार के बजट पर भारी असर पड़ेगा।
लेकिन कर्मचारी संगठनों का तर्क है कि जब सरकार की रेवेन्यू और GST कलेक्शन बढ़ रहा है, तो अब ये कहना सही नहीं है कि पैसा नहीं है।
आंदोलन की चेतावनी
सरकारी कर्मचारी अब आंदोलन के मूड में नजर आ रहे हैं। कर्मचारी यूनियनों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द कोई फैसला नहीं लिया गया तो वे विरोध प्रदर्शन, हड़ताल और रैलियों का सहारा ले सकते हैं।
उनका कहना है कि हम शांतिपूर्वक अपनी मांगें उठा रहे हैं, लेकिन सरकार इसे नजरअंदाज कर रही है। इससे कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ती जा रही है।
8वें वेतन आयोग की भी उठी मांग
इस बैठक में एक और बड़ा मुद्दा सामने आया – 8वें वेतन आयोग का गठन। कर्मचारी चाहते हैं कि सरकार इसे लेकर भी जल्द निर्णय ले ताकि 1 जनवरी 2026 से लागू सिफारिशें समय पर आ सकें।
साथ ही ये भी मांग रखी गई है कि यदि आयोग की सिफारिशें समय पर लागू नहीं होती हैं, तो उस देरी का भी एरियर मिले – ठीक वैसे ही जैसे DA एरियर की मांग है।
नई बीमा योजना की बात, लेकिन…
सरकार की ओर से एक नई बीमा योजना का प्रस्ताव भी रखा गया है जो कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए है। इसमें इलाज, दुर्घटना और अन्य आपात स्थिति में सहायता देने का वादा किया गया है।
हालांकि कर्मचारी संगठनों का कहना है कि नई योजनाएं अच्छी बात हैं, लेकिन पहले पुराना बकाया तो निपटाया जाए। बिना पुराने मुद्दों के समाधान के, नई घोषणाएं सिर्फ ध्यान भटकाने की कोशिश लगती हैं।
आगे क्या?
अब तक सरकार की तरफ से किसी स्पष्ट तिथि या योजना का ऐलान नहीं हुआ है जिससे ये अंदाजा लगाया जा सके कि DA एरियर कब मिलेगा। लेकिन यह मुद्दा अब एक बार फिर से गर्माया है और अगर जनदबाव बढ़ता है, तो सरकार को कोई रास्ता निकालना ही पड़ेगा।
18 महीने का DA एरियर कोई छोटी बात नहीं है। ये करोड़ों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का अधिकार है जो उन्हें महंगाई के दौर में कुछ राहत दे सकता है। सरकार को चाहिए कि वह इस मुद्दे पर संवेदनशीलता दिखाए और जल्द से जल्द इसका हल निकाले।
कर्मचारियों ने कोरोना काल में देश का साथ दिया, अब समय है कि सरकार भी उनका साथ दे।