7th pay commission – अगर आप भी सरकारी नौकरी में हैं तो ये जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है। सरकार ने 7वें वेतन आयोग के तहत छुट्टी के नियमों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब लगातार 5 साल तक ड्यूटी पर अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों की नौकरी अपने आप खत्म मानी जाएगी। चाहे वो छुट्टी ली हो या बिना बताए ग़ायब रहे हों, नियम सभी पर लागू होगा।
सरकार का यह कदम सरकारी सिस्टम में अनुशासन और जवाबदेही बढ़ाने के लिए उठाया गया है। कई बार देखा गया है कि कुछ कर्मचारी लंबे समय तक अनुपस्थित रहते हैं, जिससे दफ्तर का काम प्रभावित होता है और दूसरे कर्मचारियों पर अनावश्यक बोझ बढ़ता है।
क्या है 5 साल वाली छुट्टी का नियम?
सरकार ने साफ कहा है कि अगर कोई कर्मचारी बिना ब्रेक के लगातार 5 साल तक ड्यूटी पर नहीं आता, तो उसे स्वतः इस्तीफा मान लिया जाएगा। इसका मतलब है कि कर्मचारी को बिना कोई नोटिस दिए नौकरी से बाहर कर दिया जाएगा।
इतना ही नहीं, ऐसे मामलों में कर्मचारी को पेंशन, ग्रेच्युटी या कोई रिटायरमेंट बेनिफिट भी नहीं मिलेगा।
किन पर लागू होगा ये नियम?
यह नियम सभी केंद्रीय कर्मचारियों पर लागू होगा – चाहे वो किसी मंत्रालय में हो, विभाग में हो या केंद्र सरकार के किसी संस्थान में। कोई अपवाद नहीं है।
हालांकि, विदेश में नियुक्त कर्मचारियों के लिए यह नियम थोड़ा अलग हो सकता है क्योंकि उनकी नौकरी की प्रकृति अलग होती है। इसके अलावा, किसी भी आपात स्थिति या गंभीर कारण की स्थिति में इस नियम में लचीलापन दिखाया जा सकता है, बशर्ते कि कर्मचारी ने उचित दस्तावेज और अनुमति ली हो।
एलटीसी छुट्टी में नया बदलाव
एलटीसी (Leave Travel Concession) की बात करें तो सरकार ने अब ये साफ किया है कि यह छुट्टी आमतौर पर अग्रिम स्वीकृति के आधार पर ही दी जाएगी। इसका मतलब है कि अब कर्मचारी अपनी यात्रा की प्लानिंग पहले से कर पाएंगे।
हालांकि अगर कोई इमरजेंसी हो जाए, जैसे किसी परिवार के सदस्य की तबीयत खराब हो या कोई अन्य जरूरी कारण हो, तो बाद में भी स्वीकृति दी जा सकती है, लेकिन इसके लिए भी प्रूफ देना जरूरी होगा।
सरकार चाहती है कि कर्मचारी छुट्टियों का इस्तेमाल सही तरीके से करें और एलटीसी का दुरुपयोग न हो। इसके लिए सख्त निगरानी और रिकॉर्ड रखा जाएगा।
अध्ययन अवकाश (Study Leave) के नियम
जो कर्मचारी आगे पढ़ाई करना चाहते हैं या कोई प्रोफेशनल ट्रेनिंग लेना चाहते हैं, उनके लिए सरकार ने अध्ययन छुट्टी की सुविधा दी है।
सामान्य कर्मचारियों को अपने पूरे करियर में अधिकतम 24 महीने (2 साल) तक की अध्ययन अवकाश मिल सकती है।
लेकिन स्वास्थ्य सेवा से जुड़े डॉक्टरों या अधिकारियों को 36 महीने (3 साल) तक की अनुमति मिल सकती है, खासकर पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए।
ध्यान देने वाली बात ये है कि कर्मचारी को यह छुट्टी एक बार में अधिकतम 1 साल तक ही दी जाएगी, ताकि कार्यालय का कार्य बाधित न हो।
महिला कर्मचारियों को मिलेगी अतिरिक्त सुविधा
सरकार ने महिला कर्मचारियों की ज़िम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए उनके लिए विशेष छुट्टियों की व्यवस्था की है। मातृत्व अवकाश के अलावा, अब महिला कर्मचारी को बच्चे की बीमारी, पढ़ाई या देखभाल के लिए भी छुट्टी मिल सकती है।
अगर किसी महिला कर्मचारी का बच्चा विदेश में पढ़ रहा है, तो विशेष परिस्थिति में उन्हें भी छुट्टी मिल सकती है – लेकिन इसके लिए सभी दस्तावेज और कारण देना जरूरी होगा।
यह व्यवस्था इसलिए लाई गई है ताकि महिला कर्मचारी पारिवारिक जिम्मेदारियों और नौकरी में बेहतर संतुलन बना सकें।
छुट्टी के नियमों का पालन अनिवार्य
सरकार ने साफ कर दिया है कि सभी छुट्टियों के लिए पूर्व अनुमति जरूरी है। अगर बिना अनुमति के कोई कर्मचारी गैरहाजिर पाया जाता है तो उसे अनधिकृत अनुपस्थिति माना जाएगा और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
आपातकालीन स्थिति में भी जैसे ही संभव हो, सूचना देना जरूरी है। साथ ही छुट्टी लेने से पहले अपने कार्य का प्रबंधन करके जाना अनिवार्य होगा, ताकि ऑफिस का काम प्रभावित न हो।
सरकार का यह कदम सरकारी व्यवस्था में अनुशासन और कामकाज की पारदर्शिता लाने के लिए उठाया गया है। अब कर्मचारी को न केवल अपने कार्य के प्रति जिम्मेदार रहना होगा, बल्कि छुट्टियों का सही से इस्तेमाल भी करना होगा।
अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं तो इन नए नियमों को ध्यान से समझिए, प्लानिंग के साथ छुट्टी लीजिए और अपने ऑफिस में सही मैसेज दीजिए।