Toll Tax New Rule – अगर आप भी नेशनल हाईवे से गाड़ी चलाकर सफर करते हैं और हर बार टोल प्लाजा पर रुककर पैसे देने पड़ते हैं, तो ये खबर आपके लिए बेहद काम की है। अब सरकार ने टोल टैक्स को लेकर कुछ नए और बड़े बदलाव किए हैं, जिनमें कुछ लोगों और गाड़ियों को टोल से पूरी छूट दी गई है।
यह बदलाव 2025 में लागू हो चुका है और इसके बाद देश के तमाम टोल प्लाजा पर नए नियमों के तहत टोल वसूली की जा रही है। आइए जानते हैं कि किसे टोल टैक्स नहीं देना होगा और किन हालातों में टोल माफ किया गया है।
क्यों वसूला जाता है टोल टैक्स?
सबसे पहले थोड़ा सा समझ लीजिए कि टोल टैक्स होता क्या है। जब आप किसी नेशनल हाईवे या एक्सप्रेसवे से गुजरते हैं, तो वहां सड़क की मरम्मत, रखरखाव और निर्माण के लिए सरकार आपसे एक तय शुल्क वसूलती है, जिसे हम टोल टैक्स कहते हैं। लेकिन कुछ लोग और सेवाएं ऐसी हैं जिन्हें ये टैक्स नहीं देना होता – वो छूट अब और भी स्पष्ट कर दी गई है।
किन्हें नहीं देना पड़ेगा टोल टैक्स – जानिए पूरी लिस्ट
सरकार ने टोल से छूट पाने वालों की एक ऑफिशियल लिस्ट जारी की है। इसमें शामिल लोग इस प्रकार हैं:
1. राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री
इन उच्च पदों पर बैठे लोगों को देशभर में कहीं भी टोल देने की जरूरत नहीं है। उनके काफिले बिना किसी रोकटोक के गुजरते हैं।
2. राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री
हर राज्य के ये संवैधानिक पदधारी भी टोल फ्री ट्रैवल के हकदार हैं।
3. सांसद और विधायक
जब ये अपने सरकारी काम से सफर कर रहे हों, तो इन्हें टोल टैक्स नहीं देना पड़ता।
4. उच्चतम और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश
जज साहब जब ऑफिसियल विजिट पर हों तो उनका वाहन भी टोल फ्री रहता है।
5. वीरता पुरस्कार विजेता
परमवीर चक्र, महावीर चक्र, शौर्य चक्र, अशोक चक्र और कीर्ति चक्र से सम्मानित लोगों को जीवनभर टोल से छूट है।
इनके वाहनों पर विशेष चिन्ह लगा होता है जिससे टोल कर्मी तुरंत पहचान लेते हैं और गाड़ी को बिना रोके आगे बढ़ा दिया जाता है।
सेना और आपातकालीन सेवाएं भी टोल फ्री
सरकार ने देश की सुरक्षा और आम नागरिकों की मदद में लगे वाहनों को भी टोल टैक्स से मुक्त कर दिया है।
कौन-कौन शामिल हैं?
- भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के वाहन
- अर्धसैनिक बल (BSF, CRPF, CISF, ITBP) के वाहन
- फायर ब्रिगेड
- एम्बुलेंस और मेडिकल इमरजेंसी वाहन
- पुलिस गाड़ियां
- आपदा प्रबंधन टीम के वाहन
इन सभी को किसी भी टोल पर रोका नहीं जाता, क्योंकि ये गाड़ियां जनहित से सीधे जुड़ी होती हैं।
दोपहिया और साइकिल वाले भी टोल फ्री
अब बात करते हैं आम जनता की। देशभर में सभी दोपहिया वाहनों (बाइक, स्कूटर, साइकिल) को टोल से पूरी छूट मिली हुई है। इन गाड़ियों से सड़क पर बहुत कम असर पड़ता है और इन्हें ज़्यादातर गरीब और मध्यम वर्ग इस्तेमाल करता है, इसलिए इन्हें राहत दी गई है।
सरकारी बसों को भी नहीं देना होता टोल
जिन राज्यों की बसें सरकारी होती हैं (जैसे UPSRTC, DTC, RSRTC), उन्हें भी टोल फ्री रखा गया है। यह इसलिए ताकि पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा मिल सके और लोग निजी वाहनों की जगह ज्यादा से ज्यादा सरकारी साधनों का इस्तेमाल करें।
टोल छूट का वैज्ञानिक आधार क्या है?
टोल वसूली का तरीका भी अब वैज्ञानिक हो चुका है। अब गाड़ी के वजन, साइज और उसकी कैटेगरी के हिसाब से शुल्क तय होता है:
- छोटी गाड़ियां (कार, जीप): कम शुल्क
- भारी वाहन (ट्रक, बस): ज्यादा शुल्क
टोल प्लाजा पर हर गाड़ी के लिए रेट चार्ट होता है जिससे किसी को भी धोखा नहीं दिया जा सकता।
24 घंटे में वापसी पर मिलता है डिस्काउंट
अगर आप किसी टोल प्लाजा से गुजरने के 24 घंटे के भीतर दोबारा उसी रास्ते से वापस आते हैं, तो आपको फुल चार्ज नहीं देना पड़ता। ऐसे में सिर्फ 1.5 गुना (डेढ़ गुना) शुल्क देना होता है, जिससे आपकी यात्रा थोड़ी सस्ती पड़ जाती है।
ध्यान रखें ये जरूरी बातें
- जिन लोगों को टोल छूट मिली है, उनके वाहन पर पहचान चिन्ह होना जरूरी है
- अगर आप टोल फ्री कैटेगरी में आते हैं, तो नियमों का पालन जरूर करें
- गलत दस्तावेज या झूठे प्रमाण देने पर जुर्माना और केस भी हो सकता है
2025 में लागू किए गए नए टोल टैक्स नियमों से देश की टोल प्रणाली ज्यादा पारदर्शी और न्यायसंगत हो गई है। इससे देश सेवा में लगे लोग, आपातकालीन सेवाएं और आम नागरिकों को बड़ी राहत मिली है।
अगर आप भी इन कैटेगरीज में आते हैं, तो बिना झिझक अपने दस्तावेज तैयार रखें और लाभ उठाएं। अगर नहीं, तो तय शुल्क भरें और नियमों का पालन करें – ताकि सफर भी आरामदायक हो और देश की सड़कें भी मजबूत बनी रहें।