8th Pay Commission – अगर आप केंद्र सरकार में नौकरी करते हैं तो ये खबर आपके लिए है! लाखों कर्मचारियों और पेंशनधारकों को जिस बात का बेसब्री से इंतजार था, वो आखिरकार धीरे-धीरे आगे बढ़ता नजर आ रहा है। जी हां, 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है। माना जा रहा है कि इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकती हैं, लेकिन कुछ अंदरूनी अड़चनों के चलते तारीख खिसक भी सकती है।
क्या जनवरी 2026 से लागू होगा नया वेतन आयोग?
हालांकि 1 जनवरी 2026 की तारीख को लेकर काफी उम्मीदें हैं, लेकिन सरकार की ओर से अभी कोई ऑफिशियल कन्फर्मेशन नहीं आया है। दरअसल, अभी तक सरकार ने आयोग का गठन ही नहीं किया है और न ही टर्म ऑफ रेफरेंस तय किए गए हैं। ऐसे में इसकी शुरुआत होते-होते कुछ और समय लग सकता है।
7वें वेतन आयोग से कितना वक्त लगा था?
अगर पीछे झांके तो 7वें वेतन आयोग की घोषणा 2014 में हुई थी और इसे लागू होने में 2016 तक का समय लग गया था। यानी लगभग 2 साल। अगर इसी तरह की टाइमलाइन को देखें, तो 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें भी 2026 के अंत या फिर 2027 की शुरुआत में लागू हो सकती हैं।
फिटमेंट फैक्टर क्या होता है और ये क्यों जरूरी है?
फिटमेंट फैक्टर वो फॉर्मूला है जिससे तय होता है कि मौजूदा सैलरी से कितनी गुना बढ़ोत्तरी होगी। 7वें वेतन आयोग में ये फैक्टर 2.57 था, जिससे न्यूनतम सैलरी ₹7,000 से बढ़कर ₹18,000 हो गई थी। 8वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.5 से 2.86 के बीच हो सकता है।
अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 हुआ तो?
अगर सरकार 2.86 फैक्टर लागू करती है तो केंद्र सरकार के कर्मचारियों की बेसिक सैलरी करीब ₹51,000 तक हो सकती है। इसके साथ ही DA (महंगाई भत्ता), HRA (हाउस रेंट), और ट्रैवल अलाउंस भी री-कैल्कुलेट होंगे, जिससे मिनिमम ग्रॉस सैलरी ₹70,000 से ₹75,000 तक पहुंच सकती है।
सरकार की चिंता क्या है?
इतनी भारी सैलरी बढ़ोतरी से सरकार के बजट पर भी असर पड़ेगा। सैलरी और पेंशन दोनों का खर्चा एक साथ बढ़ेगा। इसीलिए अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक सरकार शायद 2.6 या 2.7 के बीच का कोई कॉम्प्रोमाइज़िंग फैक्टर लागू करे ताकि संतुलन बना रहे।
पेंशनर्स को क्या फायदा होगा?
मौजूदा नियमों के हिसाब से अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 लगाया गया तो पेंशनर्स की न्यूनतम पेंशन भी ₹9,000 से बढ़कर ₹25,740 तक पहुंच सकती है। हालांकि इस पर अब तक कोई ठोस फॉर्मूला सामने नहीं आया है, लेकिन इतना तय है कि पेंशनर्स को भी बड़ा फायदा मिलेगा।
क्या महंगाई भत्ता भी बेसिक में जुड़ सकता है?
इस बात की भी चर्चा है कि सरकार DA को बेसिक सैलरी में मर्ज कर सकती है। अभी फिलहाल कर्मचारियों को DA उनकी बेसिक सैलरी का 55% मिल रहा है और साल के अंत तक इसमें और इजाफा होकर यह 60% तक जा सकता है। अगर इसे मर्ज कर दिया गया तो यह भी सैलरी बढ़ाने में मदद करेगा।
क्या सिर्फ सैलरी ही बढ़ेगी?
नहीं, साथ में ग्रेड पे, एचआरए, ट्रैवल अलाउंस और बाकी सुविधाओं पर भी असर पड़ेगा। और हां, सरकारी कर्मचारियों की पेंशन भी नए सिरे से री-कैल्कुलेट की जाएगी। यानी कुल मिलाकर सैलरी + पेंशन दोनों को लेकर अच्छा-खासा फायदा मिलेगा।
Disclaimer
यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी सरकारी सूत्रों, रिपोर्ट्स और वेतन आयोग की पिछली प्रक्रियाओं पर आधारित है। किसी भी आधिकारिक निर्णय या दावे से पहले संबंधित सरकारी विभाग की पुष्टि अवश्य करें।