Retirement Age – पिछले कुछ महीनों से सरकारी नौकरी करने वालों के बीच एक बात ने खूब हलचल मचाई हुई थी – क्या रिटायरमेंट की उम्र घटाई या बढ़ाई जा रही है? सोशल मीडिया पर तरह-तरह के मैसेज वायरल हो रहे थे, जिससे कर्मचारियों के बीच डर और कन्फ्यूजन बढ़ गया था। कोई कह रहा था कि उम्र 58 से घटाकर 55 की जा सकती है, तो कोई 62 तक बढ़ाए जाने की अफवाह फैला रहा था।
इस बढ़ते भ्रम को देखते हुए आखिरकार यह मामला संसद में उठा और सरकार को इस पर स्पष्ट जवाब देना पड़ा।
सरकार ने कहा – नहीं है ऐसा कोई प्लान
राज्यसभा में केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री ने लिखित उत्तर में साफ-साफ बता दिया है कि सेवानिवृत्ति की उम्र को लेकर सरकार के पास किसी भी तरह का प्रस्ताव नहीं है। मतलब साफ है – न तो रिटायरमेंट एज बढ़ाई जा रही है और न ही घटाई जा रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल रिटायरमेंट से जुड़े नियम सही तरह से काम कर रहे हैं और उन्हें बदलने की कोई ज़रूरत नहीं है। सरकार की इस सफाई से लाखों कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है।
अभी क्या है रिटायरमेंट की उम्र का नियम?
केंद्र सरकार के अधीन आने वाले ज्यादातर कर्मचारियों के लिए सामान्य रिटायरमेंट की उम्र 60 साल तय की गई है। हालांकि कुछ खास विभागों या पदों के लिए यह उम्र 58 साल हो सकती है। रिटायरमेंट की उम्र तय करते वक्त काम की प्रकृति, जिम्मेदारियों और मानसिक दबाव जैसे फैक्टर्स का ध्यान रखा गया है।
इस उम्र सीमा के आधार पर ही पेंशन, ग्रैच्युटी, लीव एंकैशमेंट जैसे फायदे तय होते हैं। इसलिए इस नियम में बदलाव करना कोई छोटा-मोटा फैसला नहीं होता।
चाहें तो जल्दी रिटायर हो सकते हैं – VRS है विकल्प
सरकार ने यह भी साफ किया कि जो कर्मचारी स्वेच्छा से रिटायर होना चाहते हैं, उनके लिए पहले से ही VRS यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना मौजूद है। यह उन लोगों के लिए बढ़िया विकल्प है जो जल्दी रिटायर होकर बिज़नेस शुरू करना चाहते हैं या फिर पारिवारिक या हेल्थ से जुड़ी वजहों से काम छोड़ना चाहते हैं।
VRS लेने के लिए कुछ शर्तें होती हैं – जैसे 20 साल की सेवा पूरी हो चुकी हो या 50 साल की उम्र पार कर चुके हों। इस योजना में कर्मचारी को रिटायरमेंट बेनिफिट्स मिलते हैं, लेकिन यह पूरी तरह से कर्मचारी की मर्ज़ी पर निर्भर होता है।
रूल्स कौन तय करता है?
सेवानिवृत्ति से जुड़े सारे नियम केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम 2021 और अखिल भारतीय सेवा नियम 1958 के तहत आते हैं। इन नियमों को कई सालों के अनुभव और स्थितियों को देखकर बनाया गया है। यही नियम तय करते हैं कि कौन कितने साल की उम्र में रिटायर होगा, पेंशन कैसे मिलेगी और बाकी फायदे क्या होंगे।
सरकार ने बताया कि समय-समय पर इन नियमों में ज़रूरी बदलाव किए जाते हैं। 2021 में भी इन्हें अपडेट किया गया था ताकि मौजूदा ज़रूरतों के मुताबिक इनका ढांचा फिट बैठ सके।
अब क्या करें कर्मचारी?
सरकार के इस बयान के बाद अब कर्मचारियों को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। वे अपने रिटायरमेंट प्लान को पहले की तरह ही कंटीन्यू कर सकते हैं। पेंशन, सेविंग्स, पोस्ट-रिटायरमेंट प्लानिंग – इन सब चीज़ों को अब स्थिरता के साथ सोच सकते हैं।
इसके अलावा, नौकरी के आखिरी कुछ सालों में मन में जो बेचैनी या डर होता है, वो भी अब दूर हो जाएगी। कर्मचारी शांति से अपने कर्तव्यों पर ध्यान दे पाएंगे और बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे।
नौकरी में स्थिरता का फायदा
इस फैसले से एक और अच्छी बात ये होती है कि सरकारी सिस्टम में भरोसा बना रहता है। कर्मचारियों को लगता है कि बिना किसी अचानक बदलाव के उनकी मेहनत का फल मिलेगा और उन्हें बेवजह का तनाव नहीं झेलना पड़ेगा।
इससे नए युवाओं को भी सरकारी नौकरियों के प्रति भरोसा बना रहता है, क्योंकि उन्हें पता होता है कि यहां नियम स्थिर और संतुलित होते हैं।
Disclaimer
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी समाचार स्रोतों और सरकारी बयानों पर आधारित है। सेवानिवृत्ति से संबंधित किसी भी आधिकारिक निर्णय या योजना के लिए कृपया भारत सरकार की वेबसाइट या संबंधित विभाग से पुष्टि करें।