RAC New Rule 2025 – अगर आप भी उन लाखों लोगों में से एक हैं जो RAC टिकट पर सफर करते हैं, तो यह खबर आपके लिए वाकई खुश करने वाली है। अब RAC यानी Reservation Against Cancellation वाले यात्रियों को भी कंफर्म टिकट वालों जैसी बेडरोल सुविधा दी जाएगी। जी हां, रेलवे ने 2025 से एक नई व्यवस्था लागू कर दी है जिसमें RAC यात्रियों को अब साझा नहीं बल्कि अपना खुद का पैकेटबंद बेडरोल मिलेगा।
यात्रियों की शिकायतों पर रेलवे ने लिया बड़ा फैसला
अब तक RAC यात्री सफर के दौरान एक ही सीट साझा करते थे और बेडरोल भी आधा-आधा मिलता था। नतीजा ये होता था कि उन्हें पूरी रात ठंड या असुविधा का सामना करना पड़ता था। कई बार दो अजनबियों को एक ही ब्लैंकेट या तकिया शेयर करना पड़ता था, जिससे विवाद की स्थिति भी बनती थी। यात्रियों की लगातार शिकायतों के बाद रेलवे ने इस असुविधा को खत्म करने के लिए ये बड़ा कदम उठाया है।
अब हर RAC यात्री को मिलेगा पूरा बेडरोल सेट
नई व्यवस्था के तहत हर RAC यात्री को एक पूरा पैकेटबंद बेडरोल मिलेगा। इसमें क्या-क्या होगा? दो बेडशीट, एक तकिया, एक ब्लैंकेट और एक तौलिया – यानी VIP जैसी पूरी सुविधा। इससे सफर अब न सिर्फ बेहतर होगा बल्कि यात्रियों को कंफर्म टिकट वालों जैसा ही सम्मान भी मिलेगा।
रेलवे प्रवक्ता ने क्या कहा?
रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी (वाराणसी), अशोक कुमार ने साफ किया कि अब RAC यात्रियों को भी कंफर्म टिकट के बराबर सुविधा दी जाएगी। ट्रेन में चढ़ते ही कोच अटेंडेंट उनके पास जाकर बेडरोल देगा। यह फैसला यात्रियों की संतुष्टि और सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। पहले की तरह अब उन्हें आधी सुविधा नहीं मिलेगी, बल्कि हर यात्री को बराबरी से ट्रीट किया जाएगा।
अब नहीं होगी ठंड और असहज सफर की शिकायत
पहले RAC यात्रियों को न सिर्फ सीट शेयर करनी पड़ती थी, बल्कि बेडरोल भी साझा करना पड़ता था। इस वजह से पूरी रात का सफर एक सिरदर्द बन जाता था – ठंड लगना, नींद ना आना और दूसरी सीट पर बैठने वालों से असहज महसूस करना आम था। लेकिन अब नई सुविधा के चलते यात्री सफर का मज़ा बिना किसी परेशानी के ले पाएंगे।
सुविधा में होगा बदलाव – मानसिकता में भी
इस नई व्यवस्था का असर सिर्फ सुविधा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह RAC यात्रियों के साथ होने वाले भेदभाव को भी खत्म करेगा। पहले लोग RAC यात्रियों को कमतर मानते थे – “पूरा टिकट नहीं है” जैसे ताने भी सुनने पड़ते थे। लेकिन अब जब सुविधा एक जैसी होगी, तो सम्मान भी एक जैसा मिलेगा।
रेलवे का इंफ्रास्ट्रक्चर भी हो रहा हाईटेक
सिर्फ बेडरोल सुविधा ही नहीं, रेलवे का पूरा सिस्टम अब अपग्रेड हो रहा है। IRCTC और IRFC को नवरत्न कंपनी का दर्जा मिला है। जम्मू-कश्मीर में दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज पर वंदे भारत ट्रेन दौड़ चुकी है। यानी रेलवे अब तकनीक और सुविधाओं के मामले में दुनिया के बड़े देशों की बराबरी कर रहा है।
जिम्मेदारी होगी कोच अटेंडेंट की
रेलवे ने यह भी तय कर लिया है कि यात्रियों को बेडरोल देने की जिम्मेदारी अब कोच अटेंडेंट की होगी। जैसे ही यात्री सीट पर पहुंचेगा, कोच अटेंडेंट को बेडरोल देना होगा – ताकि कोई “मांगना पड़ा”, “कोई नहीं आया” जैसी शिकायत ना रह जाए। इससे यात्रा का अनुभव और बेहतर होगा और यात्रियों में भरोसा भी बढ़ेगा।
कुल मिलाकर, रेलवे की यह पहल लाखों RAC यात्रियों के लिए राहत और सम्मान की शुरुआत है। अब वो भी बिना किसी झिझक के AC कोच में सफर कर सकेंगे, वो भी पूरी सुविधा और सम्मान के साथ। रेलवे का यह कदम यात्रियों को सुविधा देने से कहीं ज्यादा उन्हें इंसानी स्तर पर बराबरी देने की ओर बढ़ा है – और यही असली बदलाव है।
Disclaimer
यह लेख मीडिया रिपोर्ट्स और रेलवे द्वारा जारी जानकारी पर आधारित है। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि किसी भी सुविधा या नियम की पुष्टि के लिए भारतीय रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित हेल्पलाइन से जानकारी प्राप्त करें। नियम समय के अनुसार बदल सकते हैं।