पैतृक प्रॉपर्टी बेचने से पहले जान लें ये कानून – वरना हो सकती है FIR Ancestral Property Rights

By Prerna Gupta

Published On:

Ancestral Property Rights – भारत में जमीन-जायदाद के मामले हमेशा संवेदनशील रहे हैं, खासकर जब बात आती है पैतृक संपत्ति की। बहुत से लोग मान लेते हैं कि जो जमीन या मकान उनके नाम पर है, वह चाहे जैसे बेच सकते हैं, लेकिन जब बात पैतृक संपत्ति की होती है, तो मामला सिर्फ आपके अकेले के अधिकार का नहीं होता। कानून के अनुसार, ये संपत्ति आपकी नहीं, बल्कि आपके पूरे परिवार की होती है और इसे बेचने के लिए कुछ बेहद जरूरी शर्तें होती हैं।

अगर आप इन शर्तों को नज़रअंदाज कर पैतृक संपत्ति बेच देते हैं, तो आपको कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं और संपत्ति बिक्री रद्द भी हो सकती है। इसलिए आइए इस पूरे मामले को आसान भाषा में समझते हैं।

पैतृक संपत्ति होती क्या है?

सबसे पहले तो ये जानना जरूरी है कि पैतृक संपत्ति किसे कहते हैं। वो जमीन या मकान जो आपको आपके पिता, दादा, परदादा या उनके पूर्वजों से बिना किसी वसीयत के मिली हो, उसे पैतृक संपत्ति कहा जाता है।

यह भी पढ़े:
Jio का सबसे धमाकेदार प्लान! कम कीमत में अनलिमिटेड डेटा और फ्री कॉलिंग – Jio Best New Plan

इसका मतलब है कि अगर आपके दादा के नाम कोई जमीन थी, जो उन्होंने आपके पिता को बिना वसीयत के दी, और अब वह आपके पास आ गई है – तो वह जमीन सिर्फ आपकी नहीं, बल्कि आपके साथ-साथ आपके भाई-बहनों की, माता जी की और अन्य वैध उत्तराधिकारियों की भी है।

क्या कोई अकेले पैतृक संपत्ति बेच सकता है?

बिलकुल नहीं।
सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले में साफ कहा गया है कि पैतृक संपत्ति पर सभी कानूनी वारिसों का समान हक होता है। इसका मतलब यह है कि अगर आप घर बेचने की सोच रहे हैं, तो आपको अपने सभी हिस्सेदारों – चाहे वो बेटा हो, बेटी, पत्नी या मृत बेटे की संतान – की लिखित सहमति लेनी होगी।

किन-किन की सहमति लेना जरूरी होता है?

उत्तराधिकारी अधिकार स्थिति
बेटा समान हकदार
बेटी (2005 के बाद से) बराबरी का हकदार
पत्नी वैध उत्तराधिकारी
मृत बेटे की संतान उत्तराधिकारी

यानि अगर आप सोचते हैं कि बेटे से पूछ लिया, बस काफी है, तो ऐसा नहीं है। बेटी की सहमति भी उतनी ही जरूरी है जितनी बेटे की।

यह भी पढ़े:
सरकारी कर्मचारियों को झटका! सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की सभी सरकारी छुट्टियां Govt Holidays Cancelled

बिना सहमति संपत्ति बेचने पर क्या होता है?

अगर आपने सभी वारिसों की इजाजत के बिना संपत्ति बेच दी, तो क्या होगा? तो ज़रा ध्यान दें:

  • बिक्री रद्द हो सकती है:
    कोई भी वंचित उत्तराधिकारी कोर्ट में जाकर सेल डीड को चैलेंज कर सकता है।
  • सिविल केस/Partition Suit:
    यदि किसी वारिस को उसका हक नहीं मिला है, तो वो कोर्ट में Partition Suit फाइल कर सकता है।
  • फ्रॉड का केस:
    जानबूझकर किसी वारिस को जानकारी न देने या कागजों में उसका नाम न दिखाने पर धोखाधड़ी का केस भी बन सकता है।
  • क्रेता को भी नुकसान:
    जिसने संपत्ति खरीदी है, वो भी फंस सकता है क्योंकि केस चलने पर उसकी खरीदी हुई जमीन विवादित हो जाएगी।

पैतृक संपत्ति बेचने की सही और वैध प्रक्रिया क्या है?

अगर आप कानूनी पचड़ों से बचना चाहते हैं, तो इन स्टेप्स को फॉलो करें:

  1. सभी वारिसों की पहचान करें – पिता, माता, भाई, बहन, पत्नी, बच्चे – सबकी सूची बनाएं।
  2. Legal Heir Certificate बनवाएं – जिससे साबित हो कि कौन-कौन वारिस हैं।
  3. NOC लें – सभी से लिखित ‘No Objection Certificate’ लें।
  4. संपत्ति का रजिस्टर्ड बंटवारा करेंFamily Settlement Deed बनवाएं, ताकि किसका कितना हिस्सा है, ये साफ हो जाए।
  5. रजिस्टर्ड सेल डीड करें – रजिस्ट्री करवाते समय सभी हिस्सेदारों को शामिल करें।

जरूरी दस्तावेज़ क्या-क्या लगेंगे?

  • संपत्ति की Registry, Mutation या Khatauni
  • Legal Heir Certificate या Family Register
  • सभी वारिसों का ID प्रूफ
  • सभी से NOC
  • Encumbrance Certificate (जिससे यह साबित हो कि जमीन पर कोई कर्ज नहीं है)

क्या संपत्ति समझौते से बांटी जा सकती है?

हां।
अगर सभी वारिस आपस में बैठकर समझौता कर लें और अपने-अपने हिस्से तय कर लें, तो इसे रजिस्टर्ड करवाकर Registered Family Settlement बनाया जा सकता है। फिर हर व्यक्ति अपने हिस्से को स्वतंत्र रूप से बेच सकता है।

यह भी पढ़े:
CBSE बोर्ड परीक्षा के नियमों में बड़ा बदलाव – 10वीं,12वीं स्टूडेंट्स के लिए आई बड़ी अपडेट CBSE Board Exam 2026

अगर आप पैतृक संपत्ति बेचने का सोच रहे हैं, तो सबसे जरूरी बात है – सभी कानूनी वारिसों की सहमति लेना। बिना इस कदम के आप न सिर्फ केस में फंस सकते हैं, बल्कि आपके ऊपर फ्रॉड का आरोप भी लग सकता है और संपत्ति की बिक्री रद्द भी हो सकती है।

इसलिए, कोई भी लेन-देन करने से पहले कानूनी सलाह ज़रूर लें, सारे दस्तावेज़ और प्रमाण पत्र तैयार रखें, और हर कदम सावधानी से उठाएं। आखिरकार, एक छोटी सी गलती आपके पूरे परिवार को मुसीबत में डाल सकती है

यह भी पढ़े:
सीनियर सिटीज़न्स की बल्ले-बल्ले! टैक्स माफी, मुफ्त ट्रैवल समेत मिलेंगे ये 8 जबरदस्त फायदे Senior Citizen Benefits Update

Prerna Gupta

Hi, I’m Prerna Gupta! I write about government schemes, salary updates, and financial news in a way that’s easy for everyone to understand. My goal is to help people stay informed and make smart decisions. I love simplifying tricky topics and sharing useful updates that actually matter in daily life. Thanks for reading and trusting my words!

Leave a Comment

Join Whatsapp Group🔔 लोन और इन्शुरेंस चाहिए?