BH Number Benefits – भारत में गाड़ी खरीदते वक्त अक्सर लोग सोचते हैं कि कौन-सी नंबर प्लेट सबसे सुविधाजनक होगी। अगर आप भी अक्सर अपने काम के चलते एक राज्य से दूसरे राज्य ट्रांसफर होते रहते हैं, तो BH नंबर प्लेट (भारत सीरीज़) आपके लिए एक बेहतरीन ऑप्शन हो सकता है। लेकिन इस सुविधा के साथ कुछ शर्तें और कुछ चुनौतियां भी आती हैं, जिन्हें समझना जरूरी है।
तो चलिए, जानते हैं BH नंबर प्लेट से जुड़ी पूरी कहानी, बिल्कुल आसान और कैजुअल भाषा में।
BH नंबर प्लेट क्या है?
BH यानी भारत सीरीज़ नंबर प्लेट को सरकार ने 15 सितंबर 2021 को शुरू किया था। इसका मकसद था उन लोगों को राहत देना, जिनकी नौकरी अक्सर एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर होती रहती है। जैसे – सरकारी अधिकारी, डिफेंस स्टाफ, केंद्र या राज्य सरकार के कर्मचारी या फिर मल्टीनेशनल कंपनियों में काम करने वाले लोग।
BH नंबर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस पर रजिस्टर्ड वाहन को एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाने पर दोबारा रजिस्ट्रेशन नहीं कराना पड़ता। यानी बार-बार का कागज़ी झंझट खत्म।
कौन ले सकता है BH नंबर?
अब सवाल आता है कि ये सुविधा किन्हें मिलती है?
पात्रता शर्तें:
- सरकारी कर्मचारी: केंद्र या राज्य सरकार के कर्मचारी BH नंबर के लिए सीधे पात्र होते हैं। उन्हें बस अपनी सर्विस आईडी दिखानी होती है।
- डिफेंस पर्सनल: सेना, अर्धसैनिक बल आदि से जुड़े लोग भी इसके लिए योग्य हैं।
- प्राइवेट कर्मचारी: यदि आप किसी ऐसी प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं जिसके कम से कम 4 राज्यों में ऑफिस हैं, तो आप भी BH नंबर के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आपको कंपनी से अधिकृत पत्र लेना होगा और वाहन खरीदते वक्त डीलर को देना होगा।
BH नंबर प्लेट के फायदे
1. बार-बार रजिस्ट्रेशन का झंझट खत्म
सामान्य नंबर प्लेट वाले वाहन को अगर किसी दूसरे राज्य में 6 महीने से ज़्यादा चलाना हो, तो नए राज्य में दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। लेकिन BH नंबर में यह दिक्कत नहीं है।
2. टैक्स देने का नया सिस्टम
BH नंबर पर रोड टैक्स एकमुश्त नहीं देना पड़ता, बल्कि हर दो साल पर जमा किया जाता है। यह बहुत ही सुविधाजनक है, खासकर अगर आप जल्द ट्रांसफर होने वाले हैं।
3. टैक्स स्लैब भी साफ-सुथरा है:
- 10 लाख तक की पेट्रोल कार: 8% टैक्स
- 10–20 लाख की कार: 10% टैक्स
- 20 लाख से ऊपर: 12% टैक्स
- डीज़ल वाहन: ऊपर दिए गए टैक्स में 2% अतिरिक्त
- इलेक्ट्रिक वाहन: टैक्स में 2% की छूट
टैक्स कितने साल देना होता है?
BH नंबर की वैधता शुरुआत में 14 साल तक होती है। उसके बाद रोड टैक्स हर साल के हिसाब से लिया जाएगा।
BH नंबर के नुकसान भी हैं
जहां फायदे हैं, वहीं कुछ कमियां भी हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
1. गाड़ी बेचना मुश्किल
BH नंबर वाली गाड़ी सिर्फ उन लोगों को बेची जा सकती है जो BH नंबर के लिए पात्र हैं। यानी अगर आप आम नागरिक को अपनी गाड़ी बेचना चाहते हैं, तो मुश्किल हो सकती है। इससे गाड़ी की रीसेल वैल्यू कम हो सकती है और खरीदार ढूंढना मुश्किल हो सकता है।
2. हर दो साल टैक्स देना जरूरी
हालांकि दो साल में टैक्स देना सुनने में आसान लगता है, लेकिन अगर आप समय पर टैक्स नहीं भरते हैं, तो ₹100 प्रतिदिन का जुर्माना देना पड़ सकता है। यानी समय पर भुगतान जरूरी है वरना ये एक बड़ा सिरदर्द बन सकता है।
3. सभी राज्यों में पूरी तरह स्वीकार नहीं
हालांकि BH नंबर को केंद्रीय नियम के तहत लागू किया गया है, लेकिन कुछ राज्यों में इसके इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रोसेस पूरी तरह विकसित नहीं हुए हैं। इससे कभी-कभी इंटरस्टेट मूवमेंट के दौरान छोटे-मोटे प्रशासनिक अड़चनें आ सकती हैं।
क्या BH नंबर आपके लिए सही है?
अगर आपकी नौकरी ऐसी है कि हर दो-तीन साल में ट्रांसफर हो जाता है, तो BH नंबर आपके लिए शानदार विकल्प है। लेकिन अगर आप एक ही राज्य में स्थायी रूप से रहने वाले हैं और गाड़ी जल्दी बेचने की सोच रहे हैं, तो फिर BH नंबर आपके लिए फायदेमंद नहीं है।
कैसे करें BH नंबर के लिए आवेदन?
- वाहन खरीदते समय डीलर से BH नंबर की मांग करें
- पात्रता के अनुसार डॉक्यूमेंट दें – सर्विस आईडी या कंपनी का अधिकृत पत्र
- डीलर वाहन को BH सीरीज में रजिस्टर करेगा
- रोड टैक्स दो साल के हिसाब से भरें
- BH नंबर वाली प्लेट लगवाएं और गाड़ी चलाएं बिना टेंशन के
BH नंबर एक बहुत ही स्मार्ट और सहूलियत वाली योजना है उन लोगों के लिए जो बार-बार राज्य बदलते हैं। इससे कागजों की झंझट, आरटीओ के चक्कर और ट्रांसफर की परेशानियां कम हो जाती हैं। लेकिन इसके साथ जुड़े नुकसान को भी नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। गाड़ी की बिक्री और टैक्स समय पर भरना आपके लिए बोझ बन सकता है अगर आप सजग नहीं हैं।
इसलिए BH नंबर लेने से पहले अपनी स्थिति का सही मूल्यांकन करें और फिर निर्णय लें।