CBSE Board Exam 2026 – अगर आप CBSE बोर्ड के छात्र हैं या आपके घर में कोई बच्चा 10वीं या 12वीं में पढ़ रहा है, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। 2026 में CBSE बोर्ड की परीक्षा में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। खासकर कक्षा 10वीं के स्टूडेंट्स के लिए यह बदलाव गेम-चेंजर साबित हो सकता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के तहत यह नई व्यवस्था लाई जा रही है।
1. CBSE 10वीं की परीक्षा अब साल में दो बार
2026 से कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा साल में दो बार ली जाएगी। पहली परीक्षा फरवरी-मार्च में होगी और दूसरी परीक्षा मई में होगी। पहली परीक्षा मुख्य परीक्षा होगी और दूसरी परीक्षा सुधार परीक्षा (improvement exam) कहलाएगी।
लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हर छात्र को दोनों परीक्षाएं देनी हैं। सुधार परीक्षा केवल उन्हीं छात्रों के लिए है जो पहली परीक्षा में अपने स्कोर से संतुष्ट नहीं होते या जो पहली बार में पास नहीं हो पाते।
पहली परीक्षा का शेड्यूल:
- शुरू: 17 फरवरी 2026
- समाप्ति: 7 मार्च 2026
- रिजल्ट संभावित: 20 अप्रैल 2026
दूसरी परीक्षा का शेड्यूल:
- शुरू: 5 मई 2026
- समाप्ति: 20 मई 2026
- रिजल्ट संभावित: 30 जून 2026
इस बार परीक्षा की पूरी अवधि को भी घटा दिया गया है। पहले जहां बोर्ड परीक्षा लगभग 32 दिन चलती थी, अब उसे घटाकर 16 से 18 दिन कर दिया गया है। यानी अब एक विषय के बाद दूसरे विषय की परीक्षा के बीच ज्यादा गैप नहीं मिलेगा।
2. CBSE 12वीं परीक्षा एक बार ही होगी
12वीं के स्टूडेंट्स के लिए अभी बदलाव नहीं किया गया है। 12वीं की परीक्षा 2026 में भी पहले की तरह साल में सिर्फ एक बार ही आयोजित की जाएगी। परीक्षा 17 फरवरी से शुरू होगी और अप्रैल तक चलेगी। रिजल्ट मई के अंत तक आने की संभावना है।
मुख्य विषयों जैसे गणित, भौतिकी, रसायन, जीवविज्ञान और सामाजिक विज्ञान की परीक्षाएं निर्धारित तारीखों पर होंगी जबकि अन्य छोटे विषयों की परीक्षाएं अलग-अलग चरणों में ली जाएंगी।
3. बड़ी बातें जो आपको जाननी चाहिए
- प्री-एग्जाम प्रोसेस: सितंबर 2025 तक “List of Candidates (LOC)” भरना होगा जिसमें स्टूडेंट्स को बताना होगा कि वे एक, दोनों या किस परीक्षा में भाग लेना चाहते हैं।
- प्रैक्टिकल परीक्षा: केवल एक बार ही होगी। अगर कोई छात्र सुधार परीक्षा देता है तो वही प्रैक्टिकल मार्क्स मान्य रहेंगे।
- एग्जाम सेंटर: दोनों परीक्षाओं के लिए एक ही सेंटर रहेगा। Self-Center (अपना स्कूल) की अनुमति नहीं होगी।
- डिजिलॉकर: पहली परीक्षा का रिजल्ट डिजिलॉकर पर मिलेगा लेकिन अंतिम पासिंग सर्टिफिकेट दूसरी परीक्षा के बाद ही जारी होगा।
4. बदलाव क्यों जरूरी थे?
CBSE का यह कदम National Education Policy (NEP 2020) के तहत लिया गया है। इसका मकसद छात्रों पर परीक्षा का दबाव कम करना है। अब छात्र दो बार परीक्षा देकर अपनी तैयारी को बेहतर तरीके से दिखा सकते हैं। इससे फेल होने का डर भी कम होगा और छात्रों के पास सुधार का मौका भी रहेगा।
5. छात्रों को क्या करना चाहिए?
- अभी से पढ़ाई की प्लानिंग दो चरणों में करें।
- पहली परीक्षा को गंभीरता से लें ताकि दूसरी देने की जरूरत ही न पड़े।
- समय प्रबंधन का अभ्यास करें क्योंकि पेपरों के बीच में अब कम गैप होगा।
- स्कूल द्वारा दिए जा रहे नोटिस और अपडेट को नियमित रूप से चेक करते रहें।
- अगर आप पहली बार में नतीजों से संतुष्ट नहीं हैं तो दूसरी परीक्षा का विकल्प हाथ में रहेगा।
CBSE Board Exam 2026 में जो बदलाव आ रहे हैं, वे छात्रों के हित में हैं। खासकर 10वीं के लिए दो बार परीक्षा की सुविधा एक बड़ा अवसर है। अब छात्रों को सुधार करने का एक और मौका मिलेगा और रिजल्ट पर एक ही बार में फाइनल दांव लगाने की जरूरत नहीं होगी। इससे छात्रों का तनाव कम होगा और शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और लचीलापन दोनों बढ़ेगा।
जो भी छात्र 2026 में बोर्ड परीक्षा देने वाले हैं, उन्हें अभी से नई व्यवस्था के अनुसार अपनी तैयारी की रणनीति बनानी चाहिए। क्योंकि बदलाव का सही फायदा वही उठा सकता है जो समय पर इसके लिए तैयार हो।