चेक बाउंस किया तो अब जेल पक्की! सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया सख्त फैसला Cheque Bounce New Rule 2025

By Prerna Gupta

Published On:

Cheque Bounce New Rule 2025 – अगर आप या आपके जानने वाले कभी चेक का इस्तेमाल करते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। अब चेक बाउंस करना कोई मामूली गलती नहीं मानी जाएगी, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए बड़ा फैसला सुनाया है। पहले जहां लोग सालों तक कोर्ट के चक्कर काटते थे, अब ऐसा नहीं होगा।

इस फैसले के बाद अब चेक बाउंस के मामलों में तेज़ सुनवाई, सख्त सज़ा, और दोषी को जेल तक की नौबत आ सकती है। आइए, जानते हैं इस फैसले का मतलब क्या है, आपके लिए क्या बदल जाएगा, और आने वाले समय में लेन-देन कैसे प्रभावित होगा।

क्या है चेक बाउंस और क्यों है यह गंभीर?

जब कोई व्यक्ति किसी को चेक देता है और बैंक में वह पैसा न होने, असत्य हस्ताक्षर, या तकनीकी कारणों से क्लियर नहीं होता, तो इसे चेक बाउंस कहा जाता है। यह मामला नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 की धारा 138 के तहत अपराध माना जाता है। पहले इसे लोग सिर्फ एक सिविल विवाद मानते थे, लेकिन असल में यह क्रिमिनल केस होता है।

यह भी पढ़े:
बिना इन 4 डिजिटल वेरिफिकेशन के अब नहीं खरीद सकेंगे जमीन – नया कानून लागू New Land Registry Rules

सुप्रीम कोर्ट का फैसला क्या कहता है?

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने ये निर्देश दिए हैं कि:

  • चेक बाउंस के मामलों में अब देर नहीं होगी
    कोर्ट को इन मामलों की सुनवाई जल्द करनी होगी।
  • दोषी को कड़ी सजा दी जाएगी
    जानबूझकर चेक बाउंस करने पर जेल और भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।
  • पीड़ित को जल्दी न्याय मिलेगा
    व्यापारी, दुकानदार और आम लोग जिन्हें चेक बाउंस का नुकसान उठाना पड़ता था, अब उन्हें लंबा इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा।

पहले क्या होता था और अब क्या होगा?

पहले क्या होता था अब क्या बदलेगा
केस सालों तक खिंचते थे अब जल्दी सुनवाई और फैसला होगा
दोषी को ज़्यादातर राहत मिल जाती थी अब जेल और जुर्माने से नहीं बच पाएगा
पीड़ित का पैसा फंसा रहता था अब जल्द मुआवजा और न्याय मिलने की उम्मीद

आम लोगों को कैसे मिलेगा फायदा?

यह फैसला खास तौर पर उन लोगों के लिए राहत की खबर है जो:

 ⁠
  • व्यापार करते हैं और उधारी में चेक लेते हैं
  • फ्रीलांस सर्विस देते हैं और भुगतान में देरी होती है
  • किरायेदार या लेन-देन में चेक का इस्तेमाल करते हैं

अब अगर सामने वाला चेक बाउंस करता है, तो आप कोर्ट जाकर जल्दी न्याय पा सकते हैं।

यह भी पढ़े:
विधवा महिलाओं को हर महीने मिलेंगे ₹3,000 – बिना किसी कागज़ी झंझट के मिलेगा लाभ Widow Pension Yojana update

कारोबारी जगत की क्या है प्रतिक्रिया?

व्यापारी वर्ग और बिज़नेस एसोसिएशनों ने सुप्रीम कोर्ट के इस कदम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि:

  • इससे लेन-देन में विश्वास बढ़ेगा
  • ग्राहक और क्लाइंट समय पर भुगतान करेंगे
  • ईमानदार व्यापारियों को सुरक्षा का भाव मिलेगा

क्या है कानूनी प्रक्रिया?

अगर किसी ने आपको चेक दिया और वह बाउंस हो गया तो आप नीचे दिए गए स्टेप्स फॉलो कर सकते हैं:

  1. बैंक से लिखित जानकारी (चेक रिटर्न मेमो) लें
  2. सामने वाले को 15 दिन के भीतर लीगल नोटिस भेजें
  3. अगर पैसे नहीं मिलते, तो 30 दिन के अंदर कोर्ट में केस फाइल करें
  4. कोर्ट सुनवाई करेगी और दोषी पाए जाने पर जेल या जुर्माना दे सकती है

क्या हो सकती है सज़ा?

  • जेल की सजा: अधिकतम 2 साल तक
  • जुर्माना: चेक की रकम से दोगुना तक
  • मुआवजा: कोर्ट पीड़ित को भी मुआवजा दिलवा सकती है

क्या है इससे जुड़ी चुनौतियां?

हालांकि ये कदम सराहनीय है, लेकिन कुछ चुनौतियां भी सामने आ सकती हैं:

यह भी पढ़े:
सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में छुट्टी का ऐलान – 30 जून तक रहेंगे स्कूल बंद Summer School Holiday
  • पुलिस और कोर्ट पर मुकदमों का बोझ बढ़ सकता है
  • कुछ लोग कानून की कमियों का फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं
  • देश के दूरदराज के इलाकों में जानकारी की कमी हो सकती है

लेकिन सरकार और न्यायालय इस व्यवस्था को सख्ती से लागू करने के लिए जरूरी कदम उठा रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से साफ है कि अब वित्तीय अनुशासन में लापरवाही नहीं चलेगी। यह कदम उन लोगों के लिए भी चेतावनी है जो जानबूझकर चेक देकर भुगतान नहीं करते। अब ऐसा करना उन्हें भारी पड़ सकता है।

अगर आप ईमानदार हैं और सही लेन-देन करते हैं, तो ये फैसला आपके लिए सुरक्षा की तरह है। लेकिन अगर आपने चेक देकर इरादा बदल लिया, तो कानून आपके खिलाफ सख्त होगा।

यह भी पढ़े:
बुजुर्गों के लिए खुशखबरी! LIC की FD स्कीम से पाएं ₹6,000 की गारंटीड मंथली इनकम LIC FD Scheme

Leave a Comment

Join Whatsapp Group