खराब CIBIL स्कोर वालों के लिए खुशखबरी! हाईकोर्ट ने बैंकों को सुनाई खरी-खोटी CIBIL Score

By Prerna Gupta

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CIBIL Score

CIBIL Score – आजकल लोन लेने से लेकर नौकरी तक, हर जगह एक नाम बहुत सुनाई देता है – CIBIL Score। बैंक हो या NBFC, कोई भी लोन देने से पहले आपके CIBIL स्कोर पर नजर डालता है। अगर स्कोर अच्छा है तो लोन मिलना आसान, और अगर स्कोर खराब है तो सीधे रिजेक्ट। लेकिन हाल ही में केरल हाईकोर्ट ने एक ऐसा फैसला सुनाया है जिससे हजारों युवाओं को राहत मिली है।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, एक छात्र का मामला था जिसने एजुकेशन लोन के लिए बैंक में अप्लाई किया था। लेकिन उसका CIBIL स्कोर अच्छा नहीं था क्योंकि पहले लिए गए दो लोन में से एक बकाया था और दूसरा NPA यानी बट्टा खाते में जा चुका था। ऐसे में बैंक ने एजुकेशन लोन देने से मना कर दिया। छात्र ने मजबूरी में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

हाईकोर्ट ने क्या कहा?

कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि केवल खराब CIBIL स्कोर के आधार पर छात्र का एजुकेशन लोन रिजेक्ट नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने बैंक को फटकार लगाते हुए कहा कि लोन देने के मामले में ‘मानवीय दृष्टिकोण’ अपनाना चाहिए। हर बार सिर्फ स्कोर देखना ठीक नहीं है, खासकर जब मामला पढ़ाई से जुड़ा हो।

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जज ने यह भी कहा कि छात्र आज का नहीं, देश का भविष्य है। इसलिए अगर वो विदेश में पढ़ाई या नौकरी के लिए लोन लेना चाहता है और उसके पास नौकरी का ऑफर भी है, तो बैंक को सिर्फ CIBIL स्कोर के आधार पर मना नहीं करना चाहिए।

बैंक की तरफ से क्या तर्क दिए गए?

बैंक के वकीलों ने कहा कि RBI और इंडियन बैंक एसोसिएशन के नियमों के मुताबिक CIBIL स्कोर देखना जरूरी है। बैंक ने एक सर्कुलर का हवाला भी दिया, जिसमें कहा गया था कि खराब स्कोर वाले को लोन नहीं दिया जा सकता। लेकिन छात्र के वकील ने कहा कि उसके पास विदेश में नौकरी का ऑफर है और वो आगे चलकर लोन चुका सकता है।

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कोर्ट ने किसके हक में फैसला दिया?

कोर्ट ने छात्र के पक्ष में फैसला सुनाया और कहा कि सिर्फ CIBIL स्कोर के आधार पर किसी छात्र का भविष्य बर्बाद नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने माना कि छात्र की नौकरी पक्की है और वह लोन चुकाने में सक्षम होगा।

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ये फैसला क्यों है खास?

यह फैसला उन हजारों युवाओं के लिए राहत भरा है जो कभी किसी कारणवश लोन नहीं चुका पाए और उनका CIBIL स्कोर गिर गया। खासकर उन छात्रों के लिए जो भविष्य में कुछ बड़ा करना चाहते हैं, लेकिन सिर्फ स्कोर की वजह से उनके रास्ते बंद हो रहे थे।

CIBIL स्कोर अब नौकरी में भी बन रहा बाधा

एक और बड़ी बात ये है कि अब बैंक जॉब्स में भी CIBIL स्कोर देखा जाने लगा है। IBPS जैसी संस्थाएं साफ कर चुकी हैं कि बैंक की सरकारी नौकरी पाने के लिए कैंडिडेट का CIBIL स्कोर 650 से ऊपर होना चाहिए। अगर किसी की क्रेडिट हिस्ट्री खराब है या कोई लोन पेंडिंग है, तो उसका ऑफर लेटर भी रद्द हो सकता है।

क्रेडिट स्कोर अच्छा रखना अब मजबूरी है

आजकल सिर्फ लोन लेने के लिए ही नहीं, बीमा प्रीमियम कम करवाने, क्रेडिट कार्ड पाने या नौकरी में चयन के लिए भी अच्छा CIBIL स्कोर जरूरी हो गया है। इसलिए समय पर लोन और EMI चुकाना अब सिर्फ जिम्मेदारी नहीं, एक जरूरत बन गई है।

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क्या सीख मिलती है इस फैसले से?

  • पढ़ाई और भविष्य से जुड़े मामलों में इंसानियत सबसे पहले आनी चाहिए।
  • खराब स्कोर के पीछे कई बार मजबूरी होती है, जिसे समझना जरूरी है।
  • छात्रों को मौका देना चाहिए कि वे खुद को साबित कर सकें।
  • बैंकों को थोड़ा लचीलापन दिखाना चाहिए, खासकर तब जब कोई योग्य हो और उसका इरादा सही हो।

इस फैसले से यह साफ हो गया है कि भले ही सिस्टम कितना भी सख्त क्यों न हो, इंसानियत की गुंजाइश हमेशा रहती है। छात्रों के लिए यह एक उम्मीद की किरण है कि अगर उनका इरादा और मेहनत सही है, तो सिस्टम भी उनके साथ खड़ा रहेगा।

Prerna Gupta

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