CIBIL Score News – अगर आप भी उन लोगों में से हैं जिनका CIBIL स्कोर ठीक नहीं है और इस वजह से बार-बार बैंकों से लोन लेने में दिक्कत हो रही है, तो आपके लिए एक बहुत बड़ी राहत की खबर है। जी हां, अब खराब CIBIL स्कोर के कारण लोन से वंचित रहने वालों को राहत देने वाला हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है।
क्या है मामला?
दरअसल, देशभर में लाखों लोग ऐसे हैं जिनका CIBIL स्कोर किसी न किसी वजह से खराब हो जाता है – कभी क्रेडिट कार्ड का पेमेंट लेट हो गया, कभी EMI मिस हो गई या फिर किसी पुराने लोन का क्लोजर टाइम पर नहीं हुआ। ऐसे में जब वो कोई नया लोन लेने बैंक पहुंचते हैं, तो CIBIL स्कोर देखते ही उन्हें मना कर दिया जाता है। खासकर, एजुकेशन लोन के मामले में यह एक आम समस्या बन चुकी है।
लेकिन अब केरल हाईकोर्ट ने इस पर एक सख्त और मानवीय फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि केवल खराब CIBIL स्कोर के आधार पर छात्रों को एजुकेशन लोन से वंचित नहीं किया जा सकता।
कोर्ट ने क्या कहा?
हाईकोर्ट ने कहा कि बैंक एजुकेशन लोन को सिर्फ CIBIL स्कोर पर आधार नहीं बना सकते। उन्हें यह भी देखना चाहिए कि छात्र के पास भविष्य में भुगतान करने की क्षमता होगी या नहीं। कोर्ट का कहना था कि छात्र देश का भविष्य हैं, और अगर हम उन्हें सिर्फ स्कोर के कारण पीछे ढकेलेंगे तो ये पूरे समाज के लिए नुकसानदायक है।
छात्र की जनहित याचिका से शुरू हुई सुनवाई
यह मामला तब सामने आया जब एक छात्र ने कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दायर की। उसने बताया कि उसने पहले दो लोन लिए थे, जिनमें से एक में थोड़ी देरी हो गई थी और उसका CIBIL स्कोर गिर गया। अब जब उसने पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन के लिए आवेदन किया, तो बैंक ने स्कोर का हवाला देकर लोन देने से मना कर दिया।
छात्र ने बताया कि अगर उसे लोन नहीं मिलेगा, तो उसकी पढ़ाई रुक जाएगी, मानसिक तनाव बढ़ेगा और उसका भविष्य अधर में लटक जाएगा।
कोर्ट ने कहा – मानवीय दृष्टिकोण अपनाएं बैंक
कोर्ट ने बैंकों को यह भी निर्देश दिया कि वे मानवीय दृष्टिकोण से काम लें। एजुकेशन लोन देते समय सिर्फ पुराने डेटा न देखें, बल्कि छात्र की क्षमता और भविष्य की संभावनाओं को भी समझें।
इस फैसले के बाद अब बैंकों पर भी नैतिक जिम्मेदारी आ गई है कि वे हर मामले को केवल CIBIL स्कोर से न देखें, खासकर जब बात एजुकेशन जैसे सामाजिक तौर पर महत्वपूर्ण लोन की हो।
खराब CIBIL स्कोर क्या होता है और क्यों गिरता है?
CIBIL स्कोर आपकी फाइनेंशियल सेहत को दिखाता है। यह स्कोर 300 से 900 के बीच होता है। अगर आपका स्कोर 750 या उससे ऊपर है तो आप ‘अच्छे ग्राहक’ माने जाते हैं और आपको आसानी से लोन मिल सकता है। लेकिन अगर स्कोर 650 या उससे नीचे चला गया, तो समझिए आपकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
CIBIL स्कोर गिरने के मुख्य कारण:
- EMI या क्रेडिट कार्ड की पेमेंट समय पर न करना
- बार-बार नए लोन के लिए आवेदन करना
- एक से ज्यादा क्रेडिट कार्ड और उन्हें ठीक से मैनेज न करना
- अधिक क्रेडिट यूटिलाइजेशन
- गारंटर बनना और वह लोन डिफॉल्ट हो जाना
क्या करें ताकि CIBIL स्कोर ठीक बना रहे?
- सभी EMI समय पर भरें
- क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल लिमिट के अंदर करें
- एक ही बार में बहुत सारे लोन के लिए आवेदन न करें
- पुराना लोन पूरा होते ही उसका क्लोजर अपडेट करवाएं
- समय-समय पर अपना CIBIL स्कोर चेक करते रहें
अब उम्मीद की किरण
केरल हाईकोर्ट के इस फैसले से उन हजारों छात्रों और युवाओं को उम्मीद की किरण मिली है जो सिर्फ CIBIL स्कोर की वजह से लोन से वंचित रह जाते हैं। यह फैसला न सिर्फ एजुकेशन लोन, बल्कि बाकी जरूरी लोन जैसे पर्सनल लोन या हेल्थ इमरजेंसी के लिए भी उदाहरण बन सकता है।
सरकार और रिजर्व बैंक अगर चाहे तो इस पर नई गाइडलाइंस जारी कर सकती है जिससे बैंकों को यह कहा जा सके कि CIBIL स्कोर एक फैक्टर हो सकता है, लेकिन वही आखिरी निर्णय का आधार न बने।
CIBIL स्कोर जरूरी है, लेकिन उससे भी जरूरी है इंसान की जरूरतें और भविष्य की संभावनाएं। अगर कोई व्यक्ति एक-दो बार गलतियों की वजह से स्कोर गिरा बैठा है, तो इसका मतलब ये नहीं कि वो हमेशा के लिए लोन लेने के लायक नहीं रहा।
केरल हाईकोर्ट का यह फैसला साबित करता है कि देश का न्याय तंत्र केवल कानून के दायरे में नहीं चलता, बल्कि उसमें इंसानियत की भी झलक है। अब वक्त है कि बैंक भी इस सोच को अपनाएं