रिटायर्ड कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले! पेंशन नियमों में हुआ बड़ा बदलाव – Employee Pension News

By Prerna Gupta

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Employee Pension News – सरकार ने राज्य के हजारों रिटायर्ड कर्मचारियों और दिवंगत पेंशनर्स के परिवारों को बड़ी खुशखबरी दी है। लंबे समय से चली आ रही पेंशन संबंधी असमंजस की स्थिति को दूर करते हुए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है, जिससे अब सेवानिवृत्त कर्मचारियों और उनके परिजनों को आर्थिक राहत मिल सकेगी। अगर आप या आपके परिवार में कोई सदस्य 2016 से पहले रिटायर हो चुका है या उनकी मृत्यु हो चुकी है, तो ये नया नियम आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है।

क्या है सरकार का नया फैसला?

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है कि 1 जनवरी 2016 से पहले रिटायर हुए या दिवंगत कर्मचारियों की पारिवारिक पेंशन न्यूनतम ₹9000 होगी।

इससे पहले कुछ कर्मचारियों को इससे भी कम पेंशन मिल रही थी, जिससे उनका गुजारा मुश्किल हो रहा था। अब सरकार ने न्यूनतम राशि तय करके बड़ी राहत दी है।

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पुराने नियम को बदलकर नया कानून लागू

हरियाणा सरकार ने “हरियाणा सिविल सेवा (संशोधित पेंशन) भाग-1, 2017” को बदलकर “हरियाणा सिविल सेवा (संशोधित पेंशन) भाग-1 (संशोधन) नियम, 2025” को अधिसूचित कर दिया है।

ये नया नियम 1 जनवरी 2016 से ही प्रभावी माना जाएगा, यानी भले ही फैसला अब आया हो, इसका असर पीछे की तारीख से लागू माना जाएगा।

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कैसे होगी पेंशन की गणना?

सरकार ने पेंशन गणना का फॉर्मूला भी बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है:

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  • रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन = 1 जनवरी 2016 के वेतन का 50%
  • पारिवारिक पेंशन = 1 जनवरी 2016 के वेतन का 30%

अगर किसी कर्मचारी की नई गणना के आधार पर पेंशन पहले से कम निकलती है, तो घबराने की बात नहीं है। सरकार ने कहा है कि ऐसे मामलों में पेंशन की राशि पहले जैसी ही बनी रहेगी, यानी नुकसान किसी का नहीं होगा।

किन-किन कर्मचारियों को मिलेगा फायदा?

  1. 1 जनवरी 1986 से पहले रिटायर या दिवंगत हुए कर्मचारी:
    इनकी पेंशन की गणना 1986 के वेतनमान के अनुसार की जाएगी।
  2. 1 जनवरी 1986 से लेकर 1 जनवरी 2016 के बीच रिटायर हुए कर्मचारी:
    इनके लिए गणना 2016 के संशोधित वेतनमान के आधार पर होगी।
  3. दिवंगत पेंशनर्स के परिवारजन:
    चाहे कर्मचारी की मृत्यु कितनी भी पुरानी हो, अगर वो उपरोक्त श्रेणी में आते हैं तो उनके परिवार को नया फायदा मिलेगा।

इस नियम से हरियाणा के हजारों रिटायर्ड कर्मचारी और उनके परिवारजन सीधे लाभान्वित होंगे।

क्या मिलेगा बकाया?

यहां एक अहम बात सरकार ने स्पष्ट की है – 1 जनवरी 2016 से पहले की अवधि का कोई भी बकाया नहीं दिया जाएगा।

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यानि सरकार पुराने समय का पैसा नहीं देगी, लेकिन आगे से हर महीने तय राशि के अनुसार भुगतान होगा। इससे भुगतान प्रक्रिया सरल और पारदर्शी हो जाएगी।

सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू

सरकार ने स्पष्ट किया है कि ये पूरा संशोधन 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर किया गया है। इससे कर्मचारियों का वेतन मैट्रिक्स अब अपडेट होगा और पेंशन का आधार भी ज्यादा मजबूत हो जाएगा।

इस बदलाव से हरियाणा में कर्मचारियों को दिल्ली, यूपी और अन्य राज्यों की तुलना में अब पेंशन में किसी तरह की असमानता नहीं महसूस होगी।

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क्यों है ये फैसला खास?

  • बुजुर्ग पेंशनर्स को मिलेगा सम्मान और आर्थिक सुरक्षा।
  • पारिवारिक पेंशन पाने वालों के लिए ₹9000 की न्यूनतम राशि एक बड़ी राहत।
  • स्पष्ट फॉर्मूला और नियमों से विवाद कम होंगे।
  • न्यूनतम पेंशन तय होने से भविष्य में किसी को कम राशि नहीं मिलेगी।

सरकार का मकसद क्या है?

हरियाणा सरकार ने यह कदम पेंशन व्यवस्था को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के उद्देश्य से उठाया है।

मुख्यमंत्री का कहना है कि जो कर्मचारी अपना पूरा जीवन राज्य की सेवा में लगा देते हैं, उन्हें रिटायरमेंट के बाद सम्मानजनक जीवन मिलना चाहिए। इस सोच के तहत ये निर्णय लिया गया है।

अगर आप हरियाणा के रिटायर्ड कर्मचारी हैं या किसी पेंशनर के परिवार से आते हैं, तो आपके लिए ये नियम सीधी राहत लेकर आया है।

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न्यूनतम पेंशन तय होने से अब आपको अपने खर्चों को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है। साथ ही, पेंशन गणना का फॉर्मूला साफ हो जाने से भविष्य में किसी भी तरह की भ्रम की स्थिति भी नहीं रहेगी।

सरकार का ये कदम सिर्फ एक आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि सम्मान का प्रतीक है – उन हजारों कर्मचारियों के लिए जिन्होंने राज्य की सेवा पूरी निष्ठा से की है।

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