पहली क्लास में एडमिशन की उम्र तय – सभी स्कूलों को मिले सख्त निर्देश First Class Admission 2025

By Prerna Gupta

Published On:

First Class Admission 2025 – सरकार ने अब पहली कक्षा में एडमिशन लेने वाले बच्चों के लिए नया नियम लागू कर दिया है। अगर आपके घर में भी कोई बच्चा पहली क्लास में दाखिले की तैयारी में है तो ये खबर आपके बहुत काम की है। शिक्षा निदेशालय की तरफ से स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि अब पहली क्लास में एडमिशन के लिए न्यूनतम आयु सीमा 6 वर्ष होगी। यानी बच्चा कम से कम 6 साल का होना चाहिए तभी उसे पहली कक्षा में दाखिला मिलेगा।

अब इस नए नियम को लेकर कई अभिभावकों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि जिन बच्चों की उम्र थोड़ी कम है, उनका क्या होगा? क्या उनका एक साल खराब हो जाएगा? तो चलिए विस्तार से जानते हैं इस पूरी अपडेट को, ताकि आपको कोई कन्फ्यूजन न रहे।

क्या है नया नियम?

हरियाणा के सरकारी और निजी स्कूलों दोनों के लिए यह नियम लागू किया गया है। शिक्षा निदेशालय ने कहा है कि 1 अप्रैल 2025 को जिन बच्चों की उम्र 6 साल या उससे अधिक होगी, वही पहली कक्षा में दाखिले के पात्र होंगे।

यह भी पढ़े:
बदल गए किराएदारी के नियम! अब हर कोई नहीं दे सकेगा किराए पर मकान – New Rules For House Rent

लेकिन एक राहत की बात भी है – अगर बच्चे की उम्र 1 अप्रैल को 6 साल नहीं हुई है, लेकिन 30 सितंबर 2025 तक हो जाएगी, तो भी उस बच्चे को पहली क्लास में एडमिशन मिल जाएगा। यानी लगभग 6 महीने की छूट दी गई है ताकि बच्चों का एक साल बर्बाद न हो।

पहले क्या था?

अगर हम 2024-25 के शैक्षणिक सत्र की बात करें तो उसमें सरकार ने 5 साल 6 महीने की उम्र वाले बच्चों को भी पहली कक्षा में दाखिला देने की अनुमति दी थी। लेकिन 2025-26 सत्र से यह सीमा बढ़ाकर सीधे 6 वर्ष कर दी गई है।

 ⁠

इस बदलाव का मुख्य कारण नई शिक्षा नीति (NEP 2020) है, जिसके अनुसार देशभर में पहली कक्षा में दाखिले के लिए न्यूनतम आयु 6 वर्ष तय की गई है। हरियाणा अब उसी दिशा में आगे बढ़ रहा है।

यह भी पढ़े:
चेक बाउंस पर सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी – अब नहीं चलेगा कोई बहाना Cheque Bounce Rules

Pre-Primary बच्चों को भी नहीं किया जाएगा पीछे

जिन बच्चों ने पूर्व-प्राथमिक (Pre-Primary) क्लास पूरी कर ली है लेकिन 1 अप्रैल तक 6 साल की उम्र नहीं पाई है, उनके लिए भी राहत की बात है। ऐसे बच्चों को भी पहली कक्षा में स्तरोन्नत (Promote) कर दिया जाएगा।

शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि ऐसे बच्चों को पूरे साल के लिए पीछे नहीं किया जाएगा, यानी उनका एक साल खराब नहीं होगा। उन्हें भी 30 सितंबर तक 6 साल पूरे करने की शर्त पर एडमिशन मिल जाएगा।

क्यों हुआ ये बदलाव?

यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP) के तहत किया गया है। नीति में साफ तौर पर कहा गया है कि बच्चों को पहली कक्षा में तभी एडमिशन मिलना चाहिए जब वे शारीरिक और मानसिक रूप से इसके लिए तैयार हों। और इसके लिए न्यूनतम उम्र 6 वर्ष तय की गई है।

यह भी पढ़े:
1 अगस्त से खत्म हो जाएगी फ्री सर्विस! UPI बैलेंस चेक पर भी लगेगा चार्ज – UPI New Rules 2025

बच्चों के सीखने और मानसिक विकास को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है, जिससे उनकी लर्निंग फाउंडेशन मजबूत हो सके।

स्कूलों को जारी हुए निर्देश

शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में सभी सरकारी और निजी स्कूलों को स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं। स्कूलों को कहा गया है कि आगामी सत्र 2025-26 से इस नियम का सख्ती से पालन करें।

इस निर्देश में यह भी कहा गया है कि अगर कोई स्कूल इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।

यह भी पढ़े:
19 जून को घोषित हुई छुट्टी – ऑफिस-कर्मचारी और मजदूरों को मिलेगी राहत Dry Day

पेरेंट्स को क्या करना चाहिए?

अब पेरेंट्स को चाहिए कि वे अपने बच्चे की जन्मतिथि को ध्यान से जांचें और उसी के आधार पर स्कूल एडमिशन की योजना बनाएं। अगर आपके बच्चे की उम्र 1 अप्रैल 2025 तक 6 साल नहीं होगी लेकिन 30 सितंबर तक हो जाएगी, तो आप बेफिक्र होकर एडमिशन प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।

जिन बच्चों की उम्र 30 सितंबर तक भी 6 साल नहीं हो पाएगी, उनके लिए सलाह दी जाती है कि एक साल Pre-Primary या Nursery क्लास में और बिताएं ताकि बच्चा सही उम्र में पहली कक्षा में दाखिला ले सके।

यह बदलाव क्यों जरूरी है?

  1. बच्चों के मानसिक विकास को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
  2. कम उम्र में बच्चों पर पढ़ाई का बोझ बढ़ाना उनके सीखने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
  3. 6 साल की उम्र में बच्चा शारीरिक और सामाजिक रूप से पहली क्लास की पढ़ाई के लिए तैयार होता है।
  4. इससे पूरे देश में एक समान उम्र सीमा तय हो पाएगी और शिक्षा प्रणाली ज्यादा व्यवस्थित होगी।

हरियाणा सरकार का यह कदम आने वाले वर्षों में बच्चों की शिक्षा गुणवत्ता को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा सकता है। यह निर्णय न केवल राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप है, बल्कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए भी जरूरी है।

यह भी पढ़े:
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बड़ी गिरावट, देखें अपने शहर का नया रेट Petrol Diesel Price Today

पेरेंट्स को चाहिए कि वे जल्दबाजी में बच्चों का एडमिशन कराने की बजाय उनके उम्र और तैयारियों को ध्यान में रखें। सही उम्र में दाखिला न केवल बच्चे के लिए फायदेमंद है, बल्कि उसकी स्कूली पढ़ाई का अनुभव भी बेहतर बनाता है।

Leave a Comment

Join Whatsapp Group