Fuel Price Cut 2025 – अगर आप भी हर महीने गाड़ी में पेट्रोल भरवाते हुए जेब हल्की होने की चिंता करते हैं, तो ये खबर आपके चेहरे पर मुस्कान ला सकती है। हाल ही में पूरे देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आई है। अब चाहे आप दिल्ली में रहते हों या मुंबई, कोलकाता हो या चेन्नई – हर जगह पेट्रोल-डीजल पहले से कुछ सस्ता हो गया है।
इस बार सरकार और अंतरराष्ट्रीय बाजार दोनों की मेहरबानी से ये राहत मिली है। तो चलिए जानते हैं कि कीमतें कितनी घटी हैं, किस राज्य में अब कितना पेट्रोल मिल रहा है, और इसका असर आम लोगों की जिंदगी पर कैसा पड़ेगा।
क्या बदला है पेट्रोल और डीजल के दामों में?
देशभर में तेल की कीमतों में औसतन ₹2 से ₹5 प्रति लीटर तक की कमी आई है। हालांकि ये कटौती हर राज्य में एक समान नहीं है, क्योंकि हर राज्य अपने हिसाब से टैक्स और सेस लगाता है। इसीलिए दिल्ली और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में पेट्रोल की कीमत कम है जबकि महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे राज्यों में ये अभी भी 100 रुपये के पार है।
कुछ प्रमुख शहरों में नया रेट (अक्टूबर 2023 के अनुसार):
शहर | पेट्रोल (₹/लीटर) | डीजल (₹/लीटर) |
---|---|---|
दिल्ली | 95.85 | 86.75 |
मुंबई | 101.52 | 93.29 |
कोलकाता | 99.45 | 91.62 |
चेन्नई | 97.90 | 91.43 |
बेंगलुरु | 100.58 | 92.04 |
हैदराबाद | 103.56 | 97.82 |
पुणे | 101.75 | 93.55 |
अहमदाबाद | 95.13 | 91.95 |
क्यों घटी हैं कीमतें?
इस बार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में गिरावट के पीछे कई वजहें हैं:
- कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें घटी हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध और ओपेक देशों की नीतियों के चलते कीमतें पहले बढ़ी थीं, लेकिन अब बाजार में थोड़ी स्थिरता आई है। - सरकार ने कुछ टैक्स में राहत दी है।
कई राज्यों में VAT घटाया गया है, जिससे आम जनता को सीधा फायदा हुआ। - डिमांड में अस्थायी कमी।
मानसून के सीजन में कृषि और ट्रांसपोर्ट सेक्टर की गतिविधियों में थोड़ी कमी आई है, जिससे डिमांड घटी।
इससे क्या फर्क पड़ेगा आपकी जेब पर?
- ट्रांसपोर्ट का खर्च घटेगा – गाड़ियों में ईंधन भराने में कुछ राहत जरूर मिलेगी। लंबी दूरी तय करने वाले ड्राइवर या डेली ट्रैवल करने वालों को फर्क साफ नजर आएगा।
- सब्ज़ी और किराना सामान सस्ता हो सकता है – ट्रांसपोर्ट सस्ता होगा तो लाजमी है कि सामानों की कीमत पर भी फर्क पड़ेगा।
- किसानों को राहत – डीजल के दाम घटने से खेतों में सिंचाई, ट्रैक्टर आदि चलाने की लागत घटेगी।
- बिजली बिल पर असर – जिन राज्यों में डीजल से बिजली उत्पादन होता है, वहां थोड़ी राहत मिल सकती है।
राज्य दर राज्य तुलना कैसी है?
कुछ राज्यों में अभी भी तेल की कीमतें बाकी राज्यों से ज्यादा हैं, खासकर वहां जहां टैक्स की दरें अधिक हैं।
राज्य | पेट्रोल (₹) | डीजल (₹) |
---|---|---|
उत्तर प्रदेश | 96.50 | 89.00 |
पंजाब | 98.45 | 91.55 |
महाराष्ट्र | 101.52 | 93.29 |
राजस्थान | 102.25 | 95.36 |
तमिलनाडु | 97.90 | 91.43 |
राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे राज्य आज भी सबसे महंगे पेट्रोल-डीजल वाले राज्यों में गिने जाते हैं।
आगे क्या होगा? कीमतें और घटेंगी या बढ़ेंगी?
इसका जवाब पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय बाजार की चाल और सरकार की नीति पर निर्भर करता है। अगर कच्चे तेल की कीमतें यूं ही कम बनी रहीं और सरकार टैक्स में राहत देती रही, तो आने वाले हफ्तों में और राहत मिल सकती है।
लेकिन अगर अंतरराष्ट्रीय हालात बिगड़े या डॉलर की कीमत बढ़ी, तो तेल की कीमतें फिर ऊपर जा सकती हैं। इसलिए फिलहाल जो राहत मिली है, उसे खुलकर इंजॉय करें, लेकिन साथ ही थोड़ा सतर्क रहना भी जरूरी है।
आम जनता क्या कह रही है?
- “हमारे लिए ये राहत की बात है। हर महीने 3-4 बार बाइक में पेट्रोल भरवाना पड़ता है। अब कुछ बचत होगी।” – रोहित, दिल्ली
- “मैं किसान हूं, डीजल सस्ता होने से ट्रैक्टर चलाना थोड़ा आसान हुआ है।” – रामसिंह, मध्य प्रदेश
- “किराया घटता नहीं, लेकिन तेल की कीमतों में कटौती से थोड़ी उम्मीद जागी है।” – सुमन, नोएडा
तेल की कीमतें चाहे जब घटें-बढ़ें, असर सबसे पहले आम आदमी पर ही होता है। इस बार जो राहत मिली है, वो छोटी जरूर है, लेकिन समय पर मिली है। आने वाले महीनों में अगर यही ट्रेंड जारी रहा तो त्योहारी सीजन में जनता को कुछ और राहत मिल सकती है।
तो अगर आपने भी पिछले महीने की तुलना में पेट्रोल पंप पर थोड़ी राहत महसूस की है, तो समझिए सरकार और बाज़ार दोनों ने थोड़ी रहमदिली दिखाई है। आगे क्या होगा, ये देखने वाली बात होगी।