Gold Rate Hike : सोने के बाजार में इन दिनों जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। जून 2025 की शुरुआत में ही सोने की कीमतें रोज बदल रही हैं – एक दिन तेजी तो दूसरे दिन गिरावट। यह बदलाव अंतरराष्ट्रीय आर्थिक हालात और राजनीतिक घटनाओं से जुड़ा है।
इस साल की शुरुआत में सोना जहां 76,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आस-पास था, अब वह एक लाख रुपये के आंकड़े के करीब पहुंच चुका है। यानी कुछ ही महीनों में करीब 30% की बढ़ोतरी हुई है, जो निवेशकों के लिए काफी फायदेमंद साबित हुई है।
22 अप्रैल 2025: सोने का ऐतिहासिक दिन
22 अप्रैल का दिन भारत के सर्राफा बाजार के लिए ऐतिहासिक रहा। पहली बार सोना एक लाख रुपये के आंकड़े को पार कर गया। एमसीएक्स पर सोने का भाव 99,358 रुपये तक पहुंच गया था। इसके बाद मुनाफा वसूली की वजह से थोड़ी गिरावट भी आई – लगभग 8% तक – लेकिन सोना फिर से संभल गया। विशेषज्ञ इसे बाजार की सामान्य प्रक्रिया मानते हैं।
2 जून को फिर दिखी तेजी
2 जून को फिर से सोने और चांदी की कीमतों में उछाल देखा गया। एमसीएक्स पर अगस्त डिलीवरी वाला सोना 0.52% बढ़कर 96,375 रुपये पर पहुंचा। वहीं जुलाई डिलीवरी वाली चांदी 0.42% बढ़कर 97,420 रुपये प्रति किलो हो गई। इससे यह साफ है कि निवेशकों का भरोसा कीमती धातुओं में बना हुआ है।
कीमतें क्यों बढ़ रही हैं?
सोने की कीमतों में तेजी के पीछे कई बड़े कारण हैं:
रूस-यूक्रेन युद्ध – इसने वैश्विक अस्थिरता बढ़ाई है। ऐसे समय में निवेशक सुरक्षित विकल्पों की ओर जाते हैं और सोना हमेशा से उनकी पहली पसंद रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप की नीतियां – अमेरिका में ट्रंप के सख्त व्यापार नियमों और टैरिफ की धमकी ने वैश्विक व्यापार में तनाव बढ़ा दिया है, जिससे बाजार में डर और अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है।
वैश्विक बाजार में भी सोने की चमक
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने की मांग बढ़ी है। कॉमेक्स पर सोना 0.75% चढ़कर 3,313.70 डॉलर प्रति औंस हो गया है। चांदी भी 33.22 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर पहुंच चुकी है। चीन, रूस और भारत जैसे देश लगातार सोना खरीद रहे हैं, जिससे कीमतों को मजबूती मिल रही है।
भविष्य में क्या होगा?
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 के अंत तक सोने की कीमत 1.05 लाख से 1.10 लाख रुपये तक पहुंच सकती है। अगर राजनीतिक अस्थिरता बनी रही तो 2026 तक यह 1.30 लाख रुपये भी हो सकता है।
निवेशकों के लिए सलाह
सोने में निवेश करते समय सावधानी जरूरी है। अचानक गिरावट भी आ सकती है, इसलिए अपनी आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखकर ही निवेश करें। गोल्ड ईटीएफ, डिजिटल गोल्ड या एसआईपी जैसे विकल्पों से भी सुरक्षित निवेश किया जा सकता है।