Gold Rate Today – सोना हमेशा से ही हमारे देश में निवेश का सबसे भरोसेमंद और पसंदीदा विकल्प रहा है। चाहे त्योहार हों, शादी हो या किसी खास अवसर की बात, सोने का एक अलग ही महत्व होता है। लेकिन आजकल सोने की कीमतों में जो उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं, उससे निवेशक और आम खरीदार दोनों ही थोड़े चिंतित हो गए हैं। खासकर जब 10 ग्राम सोने के दामों में 12 हजार रुपये से भी ज्यादा की भारी गिरावट आई हो, तो यह हर किसी की नज़र में आना लाज़मी है।
इस साल सोने की कीमतों का मिजाज कुछ अलग रहा
2025 में सोने की कीमतों ने कई बार हमें चौंकाया है। कभी कीमतें इतनी तेजी से बढ़ी कि लगने लगा जैसे सोना आसमान छू लेगा, तो कभी अचानक बड़ी गिरावट ने निवेशकों के होश उड़ा दिए। अप्रैल महीने में 10 ग्राम सोने की कीमत ने रिकॉर्ड बनाया था और लगभग 1 लाख रुपये के पार चली गई थी। यह एक ऐतिहासिक पल था, जिससे सोना फिर से निवेश के लिहाज़ से लोगों की पहली पसंद बन गया था।
लेकिन इसके बाद जैसे ही कीमतों में गिरावट आई, निवेशकों के माथे पर चिंता की लकीरें आ गईं। सोने के दामों में इतना उतार-चढ़ाव क्यों हो रहा है? आइए समझते हैं।
गिरावट की वजह क्या है?
सोने की कीमतों में आई भारी गिरावट के पीछे कई कारण हैं। सबसे बड़ी वजह अमेरिकी डॉलर की मजबूती और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड का बढ़ना है। जब डॉलर मजबूत होता है, तो निवेशक सोने जैसी कीमती धातुओं से पैसा निकालकर डॉलर में निवेश करना पसंद करते हैं। साथ ही, जब शेयर बाजार में सुधार आता है और अन्य निवेश विकल्प आकर्षक लगते हैं, तो लोग सोने से अपना पैसा हटा लेते हैं। यही वजह है कि अप्रैल के बाद से सोने की कीमतें लगभग 12 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक गिर गई हैं।
इसके अलावा, कुछ देशों में भू-राजनीतिक तनावों में कमी और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति भी इस गिरावट को प्रभावित कर रही हैं। अगर फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं करता है, तो निवेशकों का सोने से रुख और भी कम हो सकता है।
फिलहाल की स्थिति कैसी है?
अभी हाल ही में सोने की कीमतों में थोड़ी तेजी आई है। 4 जून 2025 तक 24 कैरेट सोने की कीमत लगभग 99,170 रुपये प्रति 10 ग्राम रही। हालांकि यह कीमतें अप्रैल के रिकॉर्ड स्तर से अभी भी काफी नीचे हैं। यह तेजी फिलहाल अस्थायी मानी जा रही है, क्योंकि विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले कुछ महीनों में कीमतों में और गिरावट आ सकती है।
विशेषज्ञ क्या कह रहे हैं?
क्वांट म्यूचुअल फंड जैसे विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतें अगले दो महीने में 12 से 15 प्रतिशत तक गिर सकती हैं। इसका मतलब है कि 10 ग्राम सोना 12 हजार रुपये से भी ज्यादा सस्ता हो सकता है। यह अनुमान अमेरिकी मौद्रिक नीति, डॉलर की मजबूती और वैश्विक आर्थिक स्थिति पर आधारित है। अगर अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में कटौती नहीं की, तो सोने की मांग कम हो सकती है और कीमतों में और गिरावट देखी जा सकती है।
सोने में निवेश के लिए क्या करें?
ऐसे समय में जब सोने की कीमतें इतनी अस्थिर हों, निवेशकों को सोच-समझकर कदम उठाना चाहिए। अगर आप लॉन्ग टर्म निवेश के लिए सोच रहे हैं, तो सोना अभी भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इतिहास ने यह साबित किया है कि मुद्रास्फीति और आर्थिक अनिश्चितता के समय सोना सबसे बेहतर बचाव होता है। हालांकि अल्पकालिक उतार-चढ़ाव से घबराने की जरूरत नहीं है।
अगर आप नए निवेशक हैं, तो कीमतों में गिरावट आपके लिए एक अवसर भी हो सकती है। लेकिन ध्यान रखें कि निवेश में विविधता बनाए रखें और केवल सोने पर ही निर्भर न रहें। निवेश पोर्टफोलियो में स्टॉक्स, म्यूचुअल फंड्स और अन्य विकल्पों को भी शामिल करें।
अन्य कमोडिटी मार्केट पर भी नजर
सोने के साथ-साथ कच्चे तेल की कीमतों में भी इस समय उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। जून महीने में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए चिंता का विषय हो सकती है। तेल की बढ़ती कीमतें महंगाई बढ़ा सकती हैं और रुपये पर दबाव डाल सकती हैं। इसका अप्रत्यक्ष असर सोने की कीमतों पर भी पड़ सकता है।
वैश्विक शेयर बाजार का प्रभाव
वैश्विक इक्विटी बाजार की स्थिति भी सोने की कीमतों को प्रभावित करती है। अगर वैश्विक शेयर बाजार मजबूत होता है तो निवेशक सोने से पैसा निकालकर शेयरों में निवेश कर सकते हैं, जिससे सोने की मांग कम हो जाती है। फिलहाल वैश्विक इक्विटी बाजार थोड़ी कमजोरी के दौर में है, लेकिन आने वाले समय में सुधार की उम्मीद है। भारत के शेयर बाजार में भी कई सेक्टरों में निवेश के नए अवसर खुल रहे हैं, जो सोने से पैसा हटाने का कारण बन सकते हैं।
तो कुल मिलाकर, सोने की कीमतों में अभी कुछ महीनों तक गिरावट की संभावना बनी हुई है। यह समय निवेशकों के लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है। हालांकि, दीर्घकालिक दृष्टि से सोना अभी भी एक सुरक्षित और भरोसेमंद निवेश विकल्प है। आपको चाहिए कि आप सोच-समझकर और अच्छी रिसर्च के बाद ही निवेश करें। अगर आप नए निवेशक हैं, तो यह गिरावट आपके लिए निवेश का अच्छा मौका भी हो सकता है।
ध्यान रखें, निवेश में हमेशा धैर्य और समझदारी की जरूरत होती है। बाजार में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, इसलिए तुरंत फैसले लेने से बचें और अपने वित्तीय लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए निवेश करें।