Gratuity Rule – अगर आप केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं और 1 जनवरी 2004 या उसके बाद नौकरी जॉइन की है, तो यह खबर आपको बहुत राहत देने वाली है। अब तक ग्रेच्युटी सिर्फ उन कर्मचारियों को मिलती थी जो पुरानी पेंशन योजना (OPS) के दायरे में आते थे। लेकिन अब सरकार ने नई पेंशन योजना (NPS) के तहत आने वाले कर्मचारियों को भी ग्रेच्युटी का लाभ देने का फैसला कर लिया है। यानी अब आपको NPS के साथ-साथ ग्रेच्युटी की रकम भी मिलेगी – और वो भी सीधे बैंक खाते में।
इस नए फैसले से सरकार ने एक बड़ा कन्फ्यूजन भी दूर कर दिया है जो पिछले कई सालों से कर्मचारियों के बीच बना हुआ था।
पहले क्या था नियम?
पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद तयशुदा पेंशन मिलती थी, साथ ही 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी का फायदा भी मिलता था। लेकिन जब 2004 में NPS लागू हुई, तो पेंशन की गारंटी खत्म कर दी गई और इसके बदले मार्केट-आधारित रिटर्न वाला रिटायरमेंट फंड शुरू हुआ।
अब तक अधिकतर कर्मचारी यही मानते थे कि NPS के तहत मिलने वाला 60% हिस्सा ही उनका ग्रेच्युटी है। लेकिन सरकार ने अब साफ कर दिया है कि NPS और ग्रेच्युटी दो अलग-अलग चीजें हैं। दोनों का फायदा मिलेगा – यानी डबल फायदा।
क्या है नया फैसला?
सरकार ने साफ किया है कि अब नई पेंशन योजना में शामिल कर्मचारियों को भी ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा। और यह फायदा उन सभी कर्मचारियों को मिलेगा जिन्होंने केंद्र सरकार में 1 जनवरी 2004 या उसके बाद नौकरी शुरू की है।
इससे लाखों कर्मचारी जो अब तक सिर्फ NPS पर निर्भर थे, अब उन्हें रिटायरमेंट के समय अतिरिक्त 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी मिलेगी। ये फैसला एक तरह से नई और पुरानी पेंशन योजना के बीच फर्क को थोड़ा कम करने वाला है।
ग्रेच्युटी के लिए पात्रता क्या है?
अब सवाल उठता है कि कौन-कौन कर्मचारी इस ग्रेच्युटी के लिए पात्र हैं? इसके लिए कुछ बेसिक शर्तें हैं:
- कर्मचारी ने कम से कम 5 साल तक लगातार नौकरी की हो।
- यदि कर्मचारी किसी गंभीर बीमारी, दुर्घटना या असमय मृत्यु की वजह से सेवा से हटता है, तो उसे 5 साल की अनिवार्यता से छूट मिल सकती है।
- यह नियम पिछले 2 सालों में रिटायर हुए कर्मचारियों पर भी लागू होगा। यानी वे भी इस लाभ को ले सकते हैं।
ग्रेच्युटी कैसे होती है कैलकुलेट?
ग्रेच्युटी की गणना एक सरल फॉर्मूले के आधार पर होती है:
(अंतिम वेतन × 15 × सेवा के वर्ष) ÷ 26
यहां “अंतिम वेतन” में बेसिक सैलरी + महंगाई भत्ता (DA) शामिल होता है। अधिकतम सीमा ₹20 लाख तय की गई है। और यह रकम आपको NPS के अलावा अलग से मिलेगी।
नई व्यवस्था क्यों है खास?
इस बदलाव से तीन बड़े फायदे हैं:
- आर्थिक सुरक्षा बढ़ेगी – अब NPS से मिलने वाली राशि के अलावा रिटायरमेंट के समय एक बड़ी रकम और हाथ में होगी
- भ्रम का अंत – अब कोई कन्फ्यूजन नहीं रहेगा कि क्या NPS ही ग्रेच्युटी है
- नई भर्ती वालों को भरोसा – जो युवा कर्मचारी हाल ही में सरकारी नौकरी में आए हैं या आना चाहते हैं, उन्हें अब पेंशन और ग्रेच्युटी दोनों के प्रति भरोसा मिलेगा
क्या करें कर्मचारी?
अगर आप केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं, तो नीचे दिए गए काम जल्द से जल्द कर लें:
- अपनी सेवा अवधि की पुष्टि करें
- HR या कार्मिक शाखा से संपर्क करके सेवा रिकॉर्ड अपडेट करवाएं
- अपना वेतन रिकॉर्ड, रिटायरमेंट डेट और NPS डिटेल्स जांचें
- अगर आप रिटायरमेंट के करीब हैं, तो सम्बंधित विभाग से लिखित में जानकारी लें कि आपकी ग्रेच्युटी प्रोसेस हो रही है या नहीं
भविष्य की झलक
सरकार ने यह कदम उठाकर यह संकेत दिया है कि वह सभी कर्मचारियों के साथ समानता का व्यवहार करना चाहती है। यह न सिर्फ मौजूदा कर्मचारियों के लिए राहत है, बल्कि उन युवाओं के लिए भी एक अच्छा संकेत है जो सरकारी नौकरी में आना चाहते हैं।
रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त मिलने वाली ग्रेच्युटी की रकम न सिर्फ आपके बुढ़ापे का सहारा बनेगी, बल्कि इससे आप अपने बच्चों की पढ़ाई, शादी या स्वास्थ्य जैसे कामों में भी सहायता पा सकेंगे।
सरकार का यह फैसला नई पेंशन योजना वालों के लिए बहुत बड़ी राहत है। अब कर्मचारी सिर्फ NPS के भरोसे नहीं रहेंगे, बल्कि उन्हें रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी की मोटी रकम भी मिलेगी। इससे उनकी आर्थिक स्थिरता मजबूत होगी और उनका भविष्य अधिक सुरक्षित बनेगा।
अगर आप भी केंद्रीय कर्मचारी हैं, तो इस बदलाव का पूरा फायदा उठाने के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दीजिए। अपने विभाग से संपर्क करें, सभी रिकॉर्ड अपडेट रखें और इस नीतिगत बदलाव का लाभ लेना सुनिश्चित करें।