Indian Railway News – अगर आप नॉन-AC ट्रेन से सफर करते हैं और सफर के दौरान बेसिन पर साबुन की कमी से परेशान रहते हैं, तो अब रेलवे आपकी ये दिक्कत दूर करने जा रहा है। भारतीय रेलवे ने एक बड़ा बदलाव करते हुए स्लीपर कोच में भी लिक्विड हैंड वॉश की सुविधा देने का फैसला लिया है, जो अब तक सिर्फ AC कोच में ही मिलती थी।
रेलवे कर रहा है सफर को और साफ-सुथरा
भारतीय रेलवे हमेशा कोशिश करता है कि यात्रियों को ज्यादा से ज्यादा आरामदायक और स्वच्छ यात्रा का अनुभव मिले। अब इसी दिशा में एक और कदम उठाया गया है। लंबी दूरी की ट्रेनों के स्लीपर डिब्बों में अब ऑन-बोर्ड हाउसकीपिंग सर्विस (OBHS) के तहत वॉशबेसिन के पास लिक्विड हैंड वॉश डिस्पेंसर लगाए जाएंगे। अभी तक ये सुविधा सिर्फ AC डिब्बों में होती थी, लेकिन अब नॉन-AC रिज़र्व स्लीपर कोच में भी इसका फायदा मिलेगा।
रेलवे बोर्ड ने लिया ये फैसला
स्वच्छ भारत मिशन और साफ-सफाई के बढ़ते महत्व को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने यह निर्णय लिया है। रेलवे के मेकेनिकल डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने बताया कि इस फैसले को MTRS और MF जैसी तकनीकी मंजूरी मिलने के बाद लागू किया जा रहा है। सभी ज़ोनल रेलवे को निर्देश दिए गए हैं कि जिन ट्रेनों में OBHS सुविधा है, वहां स्लीपर कोच में लिक्विड हैंड वॉश की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
कैसे और कहां मिलेगी ये नई सुविधा
फिलहाल यह सुविधा उन्हीं ट्रेनों में लागू की जाएगी जिनमें ऑन-बोर्ड हाउसकीपिंग सर्विस मौजूद है। यानी ये व्यवस्था सीधे हर ट्रेन में नहीं आएगी, लेकिन राजधानी, शताब्दी, जनशताब्दी, वंदे भारत, तेजस एक्सप्रेस जैसी प्रीमियम या लंबी दूरी की सुपरफास्ट मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के स्लीपर डिब्बों में जरूर मिलेगी। रेलवे के मुताबिक ट्रेन शुरू होने से पहले लिक्विड हैंड वॉश डिस्पेंसर को भरा जाएगा और यदि सफर के दौरान ये खत्म हो जाए, तो स्टाफ उसे फिर से भर देगा।
अब स्लीपर यात्री भी कहेंगे – सफर में भी साफ-सफाई!
जिन लोगों का अक्सर नॉन-AC कोच में सफर करना होता है, उनके लिए ये एक बहुत बड़ा सुधार है। अब हाथ धोने के लिए टॉयलेट के पास साबुन लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और ना ही गंदे साबुन से समझौता करना होगा। इससे न सिर्फ सफाई में सुधार होगा बल्कि यात्रियों के स्वास्थ्य के लिहाज़ से भी ये एक बड़ा पॉजिटिव कदम माना जा रहा है।
सभी ट्रेनों में कब तक लागू होगा ये सिस्टम?
चूंकि OBHS सुविधा फिलहाल सिर्फ चुनिंदा ट्रेनों में ही है, इसलिए ये व्यवस्था भी फेज़ वाइज़ लागू होगी। रेलवे बोर्ड की तरफ से सभी ज़ोनल डिविज़नों को कहा गया है कि वो अपनी ट्रेनों में जल्द से जल्द इसे लागू करें। आने वाले समय में अगर ये सिस्टम सफल रहा, तो बाकी जनरल डिब्बों तक भी इसे बढ़ाया जा सकता है।
यात्रियों को मिलेगा बेहतर अनुभव
यात्रा के दौरान अगर सफाई का ध्यान रखा जाए तो पूरा सफर आसान और सुकूनभरा बनता है। रेलवे का ये कदम उन लाखों यात्रियों के लिए राहत लेकर आएगा जो हर दिन स्लीपर कोच में सफर करते हैं। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में ऐसे और भी बदलाव देखने को मिलेंगे जो भारतीय रेलवे को और यात्रियों के अनुकूल बनाएंगे।
Disclaimer
यह लेख रेलवे से जुड़े आधिकारिक अपडेट्स और समाचार रिपोर्ट्स पर आधारित है। सुविधाओं से संबंधित नीतियां और निर्णय समय के साथ बदल सकते हैं। यात्रा से पहले संबंधित ट्रेन और सुविधा की पुष्टि IRCTC या रेलवे के आधिकारिक स्रोत से अवश्य करें।