Loan EMI Rules – अगर आप भी हर महीने बैंक या NBFC को लोन की EMI भरते हैं और कभी-कभी देरी हो जाती है तो यह खबर आपके लिए राहत की सांस की तरह है। अब देरी होने पर बैंक मनमाने तरीके से आपसे एक्स्ट्रा ब्याज नहीं वसूल पाएंगे। RBI यानी भारतीय रिजर्व बैंक ने EMI से जुड़े कुछ बेहद अहम और ग्राहक-हितैषी नियम लागू कर दिए हैं, जो 1 जून 2025 से पूरे देश में प्रभावी हो चुके हैं।
अब आपको बताएंगे कि क्या बदला है, कैसे बदला है और इससे आपको कितना फायदा मिलने वाला है। आसान और कैजुअल भाषा में।
EMI में देरी? अब नहीं लगेगा Extra ब्याज
अब तक होता क्या था? अगर आपने एक दिन भी EMI भरने में देरी कर दी, तो बैंक न सिर्फ एक तय पेनल चार्ज वसूलता था, बल्कि EMI के मूल ब्याज में अतिरिक्त ब्याज यानी पेनल इंटरेस्ट भी जोड़ देता था। इससे आपकी लोन की लागत और ज्यादा बढ़ जाती थी।
लेकिन अब RBI ने साफ कह दिया है – पेनल इंटरेस्ट पूरी तरह खत्म! यानी अब कोई बैंक EMI में देरी होने पर ब्याज दर नहीं बढ़ा सकता।
क्या सिर्फ पेनल चार्ज लगेगा?
जी हां, अब सिर्फ एक फिक्स अमाउंट का पेनल चार्ज ही लिया जाएगा। वो भी ट्रांसपेरेंट तरीके से और आपके लोन एग्रीमेंट में साफ-साफ बताया जाएगा कि कितना चार्ज लगेगा।
उदाहरण के लिए –
अगर आपकी EMI ₹15,000 है और आप 2-3 दिन की देरी करते हैं, तो बैंक ₹500 या ₹750 जैसा एक तय अमाउंट चार्ज करेगा। लेकिन वो आपकी लोन की ब्याज दर को 10% से 12% नहीं बना सकता।
RBI के नए नियमों की बड़ी बातें
- अब EMI देरी पर कोई पेनल ब्याज नहीं लगेगा
यानी आपकी EMI में देरी से ब्याज दर नहीं बढ़ेगी। - पेनल चार्ज फिक्स रहेगा और पहले से तय होगा
बैंक या NBFC इस चार्ज को अपने मन से तय नहीं कर सकते, यह एक बार पहले से फिक्स और लोन एग्रीमेंट में लिखा हुआ होना जरूरी है। - बैंक इस चार्ज से प्रॉफिट नहीं कमा सकते
RBI ने साफ कहा है कि ये चार्ज सिर्फ अनुशासन के लिए है, कमाई के लिए नहीं। - यह नियम सभी बैंकों और NBFC पर लागू होंगे
यानी चाहे आप SBI से लोन ले रहे हों या HDFC, ICICI या किसी फाइनेंस कंपनी से – सभी को इन नियमों का पालन करना होगा।
पेनल ब्याज और पेनल चार्ज में फर्क क्या है?
- पेनल ब्याज: EMI में देरी होने पर बैंक आपकी लोन की ब्याज दर में अतिरिक्त प्रतिशत जोड़ देता था। जैसे 10% की जगह 12%। यानी जितना ज्यादा आप देर करेंगे, उतना ज्यादा पैसा देना पड़ेगा।
- पेनल चार्ज: अब सिर्फ एक तय अमाउंट लगेगा – जैसे ₹500 या ₹1000 – और ये आपके ब्याज में शामिल नहीं होगा।
अब बैंक क्या नहीं कर पाएंगे?
- EMI की देरी पर ब्याज दर में बढ़ोतरी नहीं कर पाएंगे
- चार्ज को छुपा कर नहीं वसूल पाएंगे
- लोन एग्रीमेंट से अलग कुछ भी नहीं जोड़ सकेंगे
- मनमानी वसूली नहीं कर पाएंगे
ग्राहकों को क्या फायदे होंगे?
- मानसिक तनाव कम होगा: EMI चूकने पर अब एक्स्ट्रा ब्याज का डर नहीं रहेगा
- पारदर्शिता बढ़ेगी: चार्जेस अब छुपाए नहीं जा सकेंगे
- लोन सस्ता रहेगा: अब फालतू में ब्याज नहीं देना होगा
- ग्राहक-बैंक का रिश्ता और मजबूत होगा: क्योंकि अब फैसले ग्राहक के हित में हैं
क्यों उठाना पड़ा RBI को ये कदम?
पिछले कुछ सालों में RBI को लगातार ऐसी शिकायतें मिल रही थीं कि EMI में थोड़ी सी देरी होने पर बैंक भारी-भरकम चार्ज और ब्याज वसूल लेते हैं, वो भी बिना ग्राहक को सही जानकारी दिए। इससे लोगों को दोहरी मार पड़ती थी – एक तरफ लोन का बोझ और दूसरी तरफ बैंक की मनमानी।
इसी को रोकने और ग्राहक को थोड़ी राहत देने के लिए RBI ने ये कदम उठाया है।
ध्यान रखने वाली बातें
- EMI भरने में देरी हो, तो बैंक से आने वाले नोटिफिकेशन को जरूर पढ़ें
- पेनल चार्ज की जानकारी लोन एग्रीमेंट में होनी चाहिए – ध्यान से देखें
- अगर बैंक फिर भी ब्याज दर बढ़ा दे या छिपा चार्ज लगाए, तो आप RBI के बैंकिंग लोकपाल (Banking Ombudsman) को शिकायत कर सकते हैं
अब आगे क्या?
अब जब नियम आपके पक्ष में हैं, तो EMI भरने की प्लानिंग थोड़ी आसान हो गई है। हालांकि, कोशिश ये होनी चाहिए कि EMI समय पर भरी जाए ताकि आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा बना रहे।
RBI का ये कदम एक नई शुरुआत है जहां ग्राहक को सिर्फ नियमों का पालन करने की नहीं, बल्कि उन्हें समझने और अपने अधिकार जानने की भी आजादी मिल रही है।
अगर आप लोन चुका रहे हैं या लेने की सोच रहे हैं, तो अब बैंक आपकी जेब पर अतिरिक्त बोझ नहीं डाल पाएंगे। RBI के इस फैसले से लाखों कर्जदारों को सीधी राहत मिलेगी और बैंकिंग सिस्टम पहले से ज्यादा पारदर्शी और ग्राहक-हितैषी बनेगा।