OLD Pension Scheme News – पुरानी पेंशन को लेकर एक बार फिर बड़ी उम्मीद जगी है। विशेष बीटीसी 2004 बैच के हजारों शिक्षक और कर्मचारी, जो पिछले करीब 20 सालों से पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग कर रहे थे, अब राहत की सांस ले सकते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मुद्दे पर गंभीर रुख अपनाते हुए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द इस मामले का समाधान निकाला जाए।
क्या है पुरानी पेंशन योजना की कहानी?
2004 से पहले नियुक्त सभी सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद गैर-योगदान आधारित पेंशन (Old Pension Scheme – OPS) मिलती थी। इसमें रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित रकम हर महीने जीवनभर मिलती थी। लेकिन 1 अप्रैल 2005 से यह योजना बंद कर दी गई और उसकी जगह नई पेंशन योजना (NPS) लागू हुई जिसमें पेंशन की राशि बाजार पर निर्भर करती है और तय नहीं होती।
विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच के शिक्षक यही तर्क दे रहे हैं कि उनका चयन और प्रशिक्षण साल 2004 में ही हो गया था, इसलिए उन्हें OPS का लाभ मिलना चाहिए, न कि NPS का।
कहां से शुरू हुआ मामला?
- 14 और 20 जनवरी 2004 को विशिष्ट बीटीसी 2004 के लिए विज्ञापन निकाला गया था।
- प्रशिक्षण अगस्त 2004 में शुरू हो गया था।
- परंतु नियुक्ति पत्र दिसंबर 2005 और जनवरी 2006 में जारी हुए।
यही वह बिंदु है, जहां विवाद शुरू हुआ। सरकार का कहना है कि नियुक्ति की तारीख महत्वपूर्ण है, जबकि शिक्षकों का कहना है कि जब ट्रेनिंग 2004 में शुरू हो गई थी और उन्हें मानदेय भी मिलने लगा था, तो सेवा की शुरुआत भी वहीं से मानी जानी चाहिए।
पुरानी पेंशन को लेकर शिक्षक क्या कह रहे हैं?
शिक्षकों की मांग है कि:
- जब उन्हें 2004 में ट्रेनिंग के दौरान ₹2500 महीना मानदेय मिलना शुरू हो गया था, तो इसका मतलब है कि वो सेवा में आ चुके थे।
- 28 जून 2004 के शासनादेश में यह स्पष्ट किया गया था कि ऐसे मामलों में पुरानी पेंशन का विकल्प दिया जाना चाहिए।
- यदि शासनादेश के हिसाब से सेवा 2004 से मानी जाए, तो वे OPS के दायरे में आते हैं।
शिक्षकों ने इस मुद्दे को लेकर बार-बार सड़क से लेकर अदालत तक अपनी बात रखी है। कई बार प्रदर्शन हुए, ज्ञापन दिए गए और कोर्ट में याचिकाएं भी डाली गईं।
बेसिक शिक्षा विभाग का क्या तर्क है?
- विभाग का कहना है कि सेवा की शुरुआत नियुक्ति की तारीख से मानी जाती है, न कि ट्रेनिंग से।
- उत्तर प्रदेश शिक्षा नियमावली 2008 के अनुसार कोई भी कर्मचारी तभी से सेवा में माना जाता है जब वो नियमित रूप से कार्यभार ग्रहण करता है।
- यदि नियुक्ति 2005 में हुई है, तो वह नया पेंशन योजना (NPS) के अंतर्गत आएंगे।
- हाई कोर्ट के कई फैसलों का हवाला देकर विभाग ने पुरानी पेंशन से इनकार किया है।
अब क्या बदला है?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विशेष बीटीसी 2004 बैच के मुद्दे को गंभीरता से लिया है। उन्होंने:
- अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द समाधान निकाला जाए।
- न्याय और सेवा की समानता के सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए काम करने की बात कही है।
- ये भरोसा दिलाया है कि जिन कर्मचारियों के साथ नियुक्ति में देरी हुई, उनके साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
इस निर्देश के बाद करीब 50,000 से ज्यादा शिक्षक-कर्मचारियों में नई उम्मीद जगी है।
क्या हो सकता है अगला कदम?
- सरकार एक विशेष समिति बनाकर सेवा की तारीख को पुनः परिभाषित कर सकती है।
- अगर ट्रेनिंग या विज्ञापन की तारीख को ही नियुक्ति की गणना में जोड़ा गया तो हजारों शिक्षक OPS के पात्र बन सकते हैं।
- कोर्ट के आदेशों और न्यायिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर सरकार एक अपवाद नियम बना सकती है।
इस फैसले का असर किन पर पड़ेगा?
- विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच के शिक्षक
- उन सभी विभागों के कर्मचारी, जिनकी नियुक्ति प्रक्रिया 2004 में शुरू हुई लेकिन नियुक्ति पत्र 2005 या 2006 में मिले।
- इससे जुड़े करीब 50,000 से ज्यादा कर्मचारियों को आजीवन गारंटीड पेंशन का लाभ मिल सकता है।
पुरानी पेंशन सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि रिटायर्ड जीवन का सहारा होती है। विशिष्ट बीटीसी शिक्षक 20 साल से जो संघर्ष कर रहे थे, अब उस लड़ाई में रोशनी की किरण नजर आ रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल से उम्मीद है कि यूपी में एक बड़ी आबादी को फिर से पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिल सकेगा।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार किस तरह इस निर्देश को लागू करती है और कब तक इन शिक्षकों को इसका फायदा मिल पाता है।