Railway Schemes For Senior Citizens – अगर आपके घर में कोई बुजुर्ग हैं या आप खुद 60 साल की उम्र पार कर चुके हैं, तो यह खबर आपके लिए किसी तोहफे से कम नहीं है। भारतीय रेलवे ने 2025 में सीनियर सिटिज़न्स यानी वरिष्ठ नागरिकों के लिए दो बड़ी सुविधाओं की शुरुआत की है, जो उनकी यात्रा को न सिर्फ आसान बनाएंगी बल्कि एक तरह से उन्हें सम्मान भी देंगी।
भारत में रेलवे सिर्फ एक यात्रा का साधन नहीं बल्कि जीवन का हिस्सा है। और जब बात बुजुर्गों की आती है, तो उनकी ज़रूरतें और प्राथमिकताएं थोड़ी अलग होती हैं – उन्हें चढ़ने-उतरने में दिक्कत होती है, भारी सामान उठाना मुश्किल होता है और सफर आरामदायक हो यही सबसे जरूरी होता है। इसी बात को समझते हुए रेलवे ने अब दो नई सुविधाएं दी हैं – लोअर बर्थ रिजर्वेशन और प्राथमिकता वाली सीटें। आइए, पूरी जानकारी जानते हैं।
1. लोअर बर्थ आरक्षण – बुजुर्गों को अब नहीं चढ़नी पड़ेगी ऊपरी बर्थ
रेलवे ने तय किया है कि अब सीनियर सिटिज़न्स के लिए हर ट्रेन के हर क्लास में कुछ लोअर बर्थ (नीची सीटें) रिज़र्व रहेंगी। अक्सर देखा गया है कि बुजुर्गों को ऊपर चढ़ना मुश्किल होता है और अगर उन्हें ऊपर की बर्थ अलॉट हो जाए तो यात्रा तकलीफदेह बन जाती है।
अब क्या बदला है:
- स्लीपर क्लास में – 6-7 लोअर बर्थ बुजुर्गों के लिए रिज़र्व
- 3AC क्लास में – 4-5 लोअर बर्थ बुजुर्गों के लिए
- 2AC क्लास में – 3-4 लोअर बर्थ आरक्षित
टिकट बुकिंग के समय अगर कोई यात्री ‘Senior Citizen’ ऑप्शन को चुनता है, तो इन सीटों को प्राथमिकता दी जाएगी। और अगर ये बर्थ पहले से फुल हैं तो टीटीई ऑनबोर्ड बर्थ एक्सचेंज करके बुजुर्गों को राहत दे सकता है।
खास बात: यह सुविधा सिर्फ बुजुर्ग पुरुषों के लिए नहीं, बल्कि 45 साल से ज्यादा की महिलाओं और गर्भवती महिलाओं को भी मिल सकती है।
2. हर कोच में प्राथमिकता वाली सीटें और मुंबई लोकल में डेडिकेटेड कोच
अब हर कोच में कुछ सीटें सीनियर सिटिज़न के लिए रिज़र्व रहेंगी ताकि उन्हें भीड़ में खड़े होकर सफर न करना पड़े। खासकर मुंबई लोकल ट्रेनों में तो एक पूरा डिब्बा बुजुर्गों के लिए आरक्षित रहेगा जिसमें अलग से एंट्री और एग्जिट गेट भी होंगे।
यह सुविधा उन बुजुर्गों के लिए वरदान साबित होगी जो रोज़ाना लोकल से ऑफिस, मंदिर, डॉक्टर या किसी भी जरूरी काम के लिए सफर करते हैं।
पहले से मौजूद सुविधाएं जो अब और बेहतर हुई हैं
रेलवे पहले भी बुजुर्ग यात्रियों के लिए कई सुविधाएं देता था, लेकिन अब उन्हें और व्यवस्थित और प्रभावी बनाया जा रहा है।
- व्हीलचेयर सुविधा: ज़्यादातर बड़े स्टेशनों पर अब मुफ्त व्हीलचेयर सेवा मिलती है।
- पोर्टर सुविधा: भारी सामान उठाने में परेशानी हो तो रेलवे का स्टाफ मदद करता है।
- बैटरी कार्ट सेवा: प्लेटफॉर्म से प्लेटफॉर्म तक जाने के लिए बैटरी से चलने वाली गाड़ियां उपलब्ध हैं।
- मेडिकल सुविधा: लंबी दूरी की ट्रेनों में इमरजेंसी मेडिकल स्टाफ मौजूद होता है जो ज़रूरत पड़ने पर प्राथमिक उपचार देता है।
- टिकट अपग्रेड सुविधा: अगर ऊंची क्लास में कोई सीट खाली हो तो सीनियर सिटिज़न को अपग्रेड मिल सकता है – वो भी बिना एक्स्ट्रा चार्ज के।
- हेल्प डेस्क: बड़े रेलवे स्टेशनों पर बुजुर्गों के लिए अलग काउंटर/हेल्प डेस्क होती है जहां से उन्हें जरूरी सहायता मिलती है।
इन सुविधाओं का लाभ कैसे लें?
- टिकट बुक करते वक्त अपनी उम्र सही दर्ज करें और “सीनियर सिटिज़न” का विकल्प जरूर चुनें।
- ऑनलाइन टिकट बुकिंग में भी यह ऑप्शन मौजूद रहता है, ध्यान दें कि सही जानकारी भरें।
- अगर व्हीलचेयर या पोर्टर की जरूरत है, तो स्टेशन पर पहुंचकर हेल्प डेस्क से संपर्क करें।
- लोअर बर्थ न मिलने पर टीटीई से विनम्रता से रिक्वेस्ट करें, वह कोशिश करेगा आपको सुविधा देने की।
- मुंबई लोकल या अन्य आरक्षित कोच का उपयोग करना न भूलें।
किराए में छूट का क्या हुआ?
कोविड-19 से पहले रेलवे बुजुर्गों को टिकट पर 40% से 50% तक की छूट देता था। लेकिन महामारी के दौरान यह सुविधा बंद कर दी गई थी। अब 2025 में भी यह छूट फिलहाल वापस नहीं आई है।
हालांकि संसद से लेकर सोशल मीडिया तक लगातार यह मांग की जा रही है कि बुजुर्गों को फिर से किराया छूट मिले। रेल मंत्रालय ने कहा है कि इस पर विचार चल रहा है लेकिन अब तक कोई पक्का ऐलान नहीं हुआ है।
भविष्य में क्या और सुविधाएं मिल सकती हैं?
रेलवे भविष्य में कुछ और बड़ी घोषणाएं कर सकता है, जैसे:
- हर स्टेशन पर बुजुर्गों के लिए डेडिकेटेड लाउंज या वेटिंग एरिया
- मोबाइल ऐप से सीट अपग्रेड या सहायता बुलाने की सुविधा
- कोच में सॉफ्ट म्यूजिक, आरामदायक सीट और कम वाइब्रेशन
- और ज्यादा संख्या में आरक्षित बर्थ और सीटें
सरकार और रेलवे दोनों का फोकस अब बुजुर्गों को एक सम्मानजनक और आरामदायक यात्रा अनुभव देना है।
भारतीय रेलवे ने 2025 में जो दो नई सुविधाएं शुरू की हैं – लोअर बर्थ रिज़र्वेशन और प्राथमिकता वाली सीटें – वे वास्तव में बुजुर्गों के लिए राहत की सांस हैं। इससे न केवल उन्हें सम्मान मिलता है बल्कि सफर भी कम थकाऊ और अधिक आरामदायक हो जाता है।
बेशक किराए में छूट अभी नहीं आई है, लेकिन उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले दिनों में सरकार इस पर सकारात्मक फैसला लेगी। तब तक इन सभी सुविधाओं का लाभ उठाइए और यात्रा को और आसान बनाइए।