RBI Bank Loan Rules – आजकल लोन लेना जिंदगी का हिस्सा बन चुका है। कोई घर खरीदने के लिए लोन लेता है, कोई बच्चों की पढ़ाई के लिए, तो कोई नया बिज़नेस शुरू करने के लिए। लेकिन कभी-कभी ऐसी स्थिति आ जाती है जब हम लोन की EMI टाइम पर नहीं भर पाते। और फिर शुरू होता है बैंक वालों और रिकवरी एजेंट्स का दबाव, धमकी, और मानसिक तनाव।
लेकिन अब आपको घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लोन वसूली को लेकर नई गाइडलाइन्स जारी की हैं, जो लोन धारकों को राहत देने वाली हैं।
EMI मिस हो जाए तो घबराएं नहीं
सबसे पहले बात करते हैं उस डर की जो EMI बाउंस होते ही दिल में बैठ जाता है। लेकिन RBI के नियमों के अनुसार, अगर आपने किसी महीने की किश्त नहीं भरी है, तो बैंक आपको सीधे परेशान नहीं कर सकता।
पहले 90 दिन तक आपको सिर्फ नोटिस भेजा जाता है। इस दौरान:
- बैंक आपसे बात करके समाधान निकाल सकता है
- आप EMI को रीशेड्यूल करवा सकते हैं
- ब्याज में कुछ राहत मांग सकते हैं
- या कुछ समय के लिए किस्त टाल सकते हैं
सुबह-शाम की भी टाइमिंग फिक्स
RBI ने ये भी साफ कर दिया है कि कोई भी रिकवरी एजेंट सुबह 7 बजे से पहले और शाम 7 बजे के बाद आपसे संपर्क नहीं कर सकता।
मतलब अब कोई रात को फोन करके या सुबह-सुबह दरवाजे पर खड़े होकर आपको परेशान नहीं कर सकता। साथ ही:
- त्योहारों और छुट्टियों के दिन तंग करना भी मना है
- बिना बताए घर आना भी नियमों का उल्लंघन है
अगर रिकवरी एजेंट बदतमीजी करे तो?
RBI ने साफ कर दिया है कि अगर कोई एजेंट:
- धमकी देता है
- गाली-गलौच करता है
- जबरन घर में घुसता है
- परिवार या पड़ोसियों के सामने अपमान करता है
तो आप उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं। और इसके लिए आपके पास कई विकल्प हैं:
- स्थानीय पुलिस थाने में FIR दर्ज करवा सकते हैं
- बैंक की शिकायत सेल में कंप्लेंट कर सकते हैं
- RBI के ग्राहक सेवा पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं
- वकील से संपर्क कर सकते हैं
शिकायत करते वक्त रखें ये सबूत
आपकी शिकायत मजबूत तभी मानी जाएगी जब आपके पास कुछ सबूत होंगे। जैसे:
- कॉल रिकॉर्डिंग
- WhatsApp या SMS के स्क्रीनशॉट
- बैंक द्वारा भेजा गया नोटिस
- कोई गवाह जो घटनास्थल पर मौजूद था
अगर आपकी शिकायत सही पाई जाती है, तो बैंक पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
बैंक और एजेंट दोनों के लिए सख्त निर्देश
RBI ने कहा है कि बैंक की तरफ से काम कर रहे रिकवरी एजेंट:
- अपमानजनक भाषा का प्रयोग नहीं कर सकते
- मानसिक या शारीरिक दबाव नहीं डाल सकते
- आपकी जानकारी के बिना कोई चीज जब्त नहीं कर सकते
- ऑफिस या घर में आकर हंगामा नहीं कर सकते
- बिना आपकी मर्जी के जबरन घर में प्रवेश नहीं कर सकते
अगर एजेंट कोई गलती करता है, तो बैंक को जिम्मेदार माना जाएगा।
नीलामी की भी है प्रक्रिया
अब आते हैं उस स्थिति पर जब लोन धारक लगातार किश्तें नहीं भरता। ऐसे में बैंक आखिरी विकल्प के तौर पर संपत्ति की नीलामी कर सकता है। लेकिन इसके लिए भी कुछ नियम हैं:
- लोन धारक को पहले सूचना देना जरूरी है
- नीलामी की सारी शर्तें लिखित में स्पष्ट करनी होंगी
- अगर नीलामी में जितनी रकम चाहिए थी, उससे ज्यादा मिलती है, तो बचा हुआ पैसा उधारकर्ता को वापस करना होगा
- पूरा प्रोसेस पारदर्शी और सम्मानजनक होना चाहिए
क्या कहते हैं जानकार?
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि RBI का ये कदम बहुत जरूरी था। आज जब आम आदमी लोन पर निर्भर होता जा रहा है, ऐसे में EMI मिस होने पर मानसिक शांति बनाए रखना बहुत मुश्किल हो जाता है।
इन गाइडलाइन्स के आने से अब लोन धारकों को इंसान समझा जाएगा, मशीन नहीं। उन्हें भी अब सम्मान के साथ समाधान का मौका मिलेगा।
अगर आपने किसी कारणवश EMI नहीं भर पाई है, तो अब डरने की जरूरत नहीं है। RBI ने आपकी इज्जत और अधिकार दोनों की रक्षा करने के लिए पुख्ता इंतजाम कर दिए हैं।
बैंक और एजेंट अब आपको बिना वजह परेशान नहीं कर सकते। साथ ही, आपके पास कई रास्ते हैं जिनसे आप अपनी बात रख सकते हैं और न्याय पा सकते हैं।
याद रखिए, लोन लेना गलत नहीं है। लेकिन अपनी जानकारी और हक के साथ जीना सबसे जरूरी है। अब वक्त आ गया है कि हम भी जागरूक बनें और जब जरूरत हो तो अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाएं।