RBI New Rule – अगर आपके पास भी पुराने मोटे 5 रुपये के सिक्के हैं तो ज़रा ध्यान दीजिए, क्योंकि अब ये सिक्के धीरे-धीरे चलन से बाहर किए जा रहे हैं। हालांकि ये पूरी तरह से बंद नहीं हुए हैं, लेकिन भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने इन मोटे सिक्कों का उत्पादन बंद कर दिया है। आखिर ऐसा क्यों किया गया? क्या अब ये सिक्के नहीं चलेंगे? और अगर आपके पास हैं तो क्या करें? इन सभी सवालों का जवाब इस लेख में आपको मिलेगा – बिल्कुल आसान और कैजुअल भाषा में।
दो तरह के 5 रुपये के सिक्के – मोटा और पतला
पहले बाजार में दो तरह के 5 रुपये के सिक्के चलन में थे –
- एक पतला सिक्का, जो पीतल या मिश्रित धातु का होता है
- दूसरा मोटा और भारी सिक्का, जो मजबूत धातु से बना होता था
अब RBI ने तय किया है कि मोटे सिक्कों का आगे उत्पादन नहीं होगा। यानी अब नए सिक्के सिर्फ पतले और हल्के होंगे।
RBI ने क्यों लिया यह फैसला?
इस फैसले के पीछे कई कारण हैं – आर्थिक, सुरक्षा और अवैध गतिविधियों से जुड़ी चिंताएं।
1. धातु का मूल्य ज्यादा होना
मोटे सिक्कों में जो धातु इस्तेमाल होती थी, उसका मूल्य समय के साथ बढ़ता गया। एक समय ऐसा आ गया कि एक 5 रुपये के सिक्के में लगी धातु की कीमत ही 6-8 रुपये तक पहुंच गई।
यानी अगर कोई उस सिक्के को पिघलाकर बेचता या उससे कोई चीज बनाता, तो उसे ज़्यादा मुनाफा होता।
2. रेजर ब्लेड बनाने का खेल
इस धातु से रेजर ब्लेड बनाना काफी फायदेमंद साबित हो रहा था। एक 5 रुपये के सिक्के से लगभग 4-6 ब्लेड बनते थे, और प्रत्येक ब्लेड 2 रुपये में बिकता था।
यानि एक सिक्के से 8 से 12 रुपये तक की कमाई हो जाती थी। यही वजह थी कि बहुत से लोग इन सिक्कों को पिघलाने लगे थे।
तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा का खतरा
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत के मोटे सिक्कों की बांग्लादेश में काफी मांग थी। वहां पर इन्हें ब्लेड बनाने के लिए तस्करी किया जा रहा था।
यह न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचा रहा था बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी एक खतरा बन गया था।
RBI को जब ये सब पता चला तो उन्होंने तुरंत इसपर एक्शन लेते हुए इन सिक्कों के प्रोडक्शन पर रोक लगा दी।
नई मुद्रा नीति और बदलाव
अब आरबीआई ने नए डिजाइन और नई धातु से बने पतले सिक्कों को जारी करना शुरू किया है। इनमें धातु का मिश्रण इस तरह किया गया है कि उसका आंतरिक मूल्य सिक्के के अंकित मूल्य से कम रहे, जिससे लोग उसे पिघलाकर कुछ और बनाने के बारे में न सोचें।
इन नए सिक्कों का डिज़ाइन भी ज्यादा आकर्षक है और इनमें भारतीय संस्कृति की झलक दिखाई देती है।
क्या पुराने मोटे सिक्के अब नहीं चलेंगे?
नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं है।
अगर आपके पास पुराने मोटे 5 रुपये के सिक्के हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है। वे अभी भी पूरी तरह से वैध मुद्रा हैं और आप उनका इस्तेमाल कर सकते हैं।
RBI ने सिर्फ इतना कहा है कि अब से आगे नए मोटे सिक्के नहीं बनाए जाएंगे। जो सिक्के पहले से मार्केट में हैं, वे जब तक घिस-पिट कर खराब नहीं हो जाते, तब तक चलते रहेंगे।
सिक्के बंद करने की प्रक्रिया कैसी होती है?
भारत में नोट और सिक्कों से जुड़े फैसले RBI और केंद्र सरकार मिलकर करती हैं।
- अगर कोई सिक्का या नोट बंद करना होता है या नया जारी करना होता है, तो सबसे पहले RBI एक प्रस्ताव भेजता है
- फिर सरकार वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञों की सलाह से फैसला लेती है
- इसके बाद ही कोई मुद्रा चलन से बाहर की जाती है या नया प्रारूप लागू होता है
इसलिए जब भी कोई सिक्का बंद होता है, तो उसका पूरा सिस्टम के तहत फैसला होता है, और जनता को समय रहते जानकारी दी जाती है।
आम लोगों के लिए जरूरी सलाह
- कोई अफवाह न फैलाएं और न ही उस पर भरोसा करें।
- RBI की वेबसाइट या प्रेस रिलीज से ही सही जानकारी लें।
- अगर आपके पास मोटे 5 रुपये के सिक्के हैं तो उन्हें खर्च करें या बैंक में जमा करें।
- सिक्कों को पिघलाना या बेचना गैरकानूनी है, इससे आप पर जुर्माना भी लग सकता है।
RBI का मोटे 5 रुपये के सिक्कों का उत्पादन बंद करने का फैसला पूरी तरह से समझदारी भरा और देशहित में है। इससे न केवल आर्थिक नुकसान रुकेगा बल्कि अवैध तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा भी कम होगा।
नई मुद्रा नीति के तहत अब बाजार में हल्के और आकर्षक डिजाइन वाले सिक्के ही देखने को मिलेंगे।
अगर आप के पास पुराने सिक्के हैं, तो घबराइए नहीं – वे पूरी तरह मान्य हैं। बस समय-समय पर सरकारी वेबसाइट से अपडेट लेते रहिए और किसी भी अफवाह से बचिए।