School Holiday 2025 – राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए सभी सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों और कॉलेजों को 10 दिनों के लिए बंद करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बताया कि 8 अक्टूबर से 18 अक्टूबर 2025 तक सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे। यह छुट्टी किसी त्योहार या मौसम के कारण नहीं, बल्कि राज्य में चल रहे सामाजिक और शैक्षणिक जाति सर्वेक्षण के चलते दी गई है।
जाति सर्वेक्षण के चलते शिक्षकों की भूमिका
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह सर्वेक्षण 22 सितंबर से शुरू हुआ था और इसे 7 अक्टूबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन कई जिलों में काम की गति उम्मीद से धीमी रही, इसलिए सरकार ने समयसीमा बढ़ाकर 18 अक्टूबर कर दी। इस दौरान शिक्षकों को सर्वेक्षण से जुड़े आंकड़े जुटाने और रिपोर्ट तैयार करने का काम सौंपा गया है।
सरकार चाहती है कि यह सर्वेक्षण पूरी सटीकता और पारदर्शिता के साथ पूरा हो ताकि राज्य के सामाजिक ढांचे की असली तस्वीर सामने आ सके। यही कारण है कि शिक्षकों को अतिरिक्त समय देने के लिए स्कूलों में छुट्टियों का फैसला लिया गया है।
किन जिलों में सर्वेक्षण पीछे चल रहा है
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, कुछ जिलों में सर्वेक्षण लगभग पूरा हो चुका है, जैसे कि कपाल जिले में 97 प्रतिशत काम खत्म हो चुका है। वहीं उडुपी में 63 प्रतिशत और दक्षिण कन्नड़ में 60 प्रतिशत काम पूरा हुआ है। लेकिन राजधानी बेंगलुरु में स्थिति सबसे धीमी है, जहां केवल 34 प्रतिशत काम ही पूरा हो पाया है।
बेंगलुरु में करीब 6700 शिक्षक इस कार्य में लगे हैं, लेकिन शहरी इलाकों में डेटा इकट्ठा करने की प्रक्रिया थोड़ी जटिल होने के कारण देरी हो रही है। शिक्षक संघों ने सरकार से अतिरिक्त समय की मांग की थी ताकि वे सही और पूरी जानकारी जुटा सकें, जिस पर सरकार ने यह 10 दिन की छुट्टी मंजूर की है।
छात्रों को छुट्टी, शिक्षकों को जिम्मेदारी
हालांकि छुट्टियां छात्रों के लिए राहत भरी हैं, लेकिन शिक्षकों के लिए यह काम का समय है। शिक्षकों को स्कूल नहीं जाना होगा, लेकिन वे सर्वेक्षण कार्य में पूरी तरह से शामिल रहेंगे। इस सर्वेक्षण में करीब 1.6 लाख कर्मचारी भाग ले रहे हैं, जिनमें से 1.2 लाख शिक्षक हैं।
मध्यावधि परीक्षाओं में लगे शिक्षकों को फिलहाल इस काम से छूट दी गई है ताकि परीक्षा प्रक्रिया प्रभावित न हो। बाकी शिक्षक अपने क्षेत्रों में जाकर सर्वेक्षण का डेटा तैयार करेंगे।
सर्वेक्षण के दौरान हुई दुखद घटनाएं
मुख्यमंत्री ने बताया कि सर्वेक्षण के दौरान तीन कर्मचारियों की मौत हो गई है। उन्होंने इन घटनाओं पर गहरा शोक जताया और घोषणा की कि हर परिवार को 20 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी कर्मचारी अगर जानबूझकर लापरवाही करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सरकार का उद्देश्य और फायदा
सिद्धारमैया सरकार का कहना है कि यह सर्वेक्षण भविष्य की नीतियों के निर्माण में अहम भूमिका निभाएगा। इससे यह पता चलेगा कि किन वर्गों को शिक्षा, नौकरी या कल्याण योजनाओं में ज्यादा मदद की जरूरत है। सरकार इन आंकड़ों के आधार पर आने वाले सालों में नई योजनाएं तैयार करेगी ताकि हर वर्ग को समान अवसर मिल सके।
अभिभावकों की चिंता और विभाग की प्रतिक्रिया
जहां छात्रों के बीच छुट्टियों को लेकर खुशी है, वहीं कई अभिभावक चिंतित हैं कि इससे बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ेगा। परीक्षा का समय नजदीक होने की वजह से उन्हें डर है कि सिलेबस पूरा नहीं होगा। इस पर शिक्षा विभाग ने भरोसा दिलाया है कि छुट्टियों के बाद विशेष कक्षाएं आयोजित की जाएंगी और परीक्षा कैलेंडर में बदलाव किया जाएगा ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो।
एक जिम्मेदारी भरा फैसला
यह फैसला केवल छुट्टी देने के लिए नहीं बल्कि राज्य के सामाजिक ढांचे को सही तरीके से समझने के लिए लिया गया है। शिक्षकों को इस सर्वेक्षण में अहम भूमिका निभानी है, जिससे राज्य सरकार को सटीक और पारदर्शी रिपोर्ट मिल सके।
राज्य में घोषित 10 दिनों की छुट्टियां छात्रों के लिए आराम का समय हैं, लेकिन शिक्षकों और प्रशासन के लिए यह मेहनत का दौर है। सरकार चाहती है कि 18 अक्टूबर तक सर्वेक्षण का काम पूरी तरह से समाप्त हो जाए ताकि समाज के हर वर्ग की वास्तविक स्थिति सामने आ सके। इससे आने वाले वर्षों में बेहतर नीतियां बन सकेंगी और समान विकास की दिशा में राज्य आगे बढ़ेगा।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी आधिकारिक सरकारी घोषणा या वेबसाइट पर आधारित है। किसी भी प्रकार के बदलाव या नई सूचना के लिए पाठक संबंधित सरकारी स्रोत से पुष्टि करें।