TDS New Rule 2025 – अगर आप बैंक में एफडी या आरडी में पैसा जमा करते हैं और हर साल उस पर अच्छा ब्याज पाते हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत काम की है। खासकर अगर आप सीनियर सिटिजन हैं या मिडल क्लास से ताल्लुक रखते हैं, तो समझिए कि अब आपकी जेब में ज्यादा पैसा बचेगा।
दरअसल, 2025 से TDS (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) के नियमों में बड़ा बदलाव कर दिया गया है। ये बदलाव वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में घोषित किए थे। सरकार का उद्देश्य है कि आम आदमी और खासतौर पर बुजुर्गों को ब्याज से होने वाली कमाई पर टैक्स में राहत दी जाए।
तो आइए विस्तार से जानते हैं कि नया नियम क्या है, किसे कितना फायदा होगा और किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
सीनियर सिटिजन्स को सबसे बड़ी राहत
अगर आप 60 साल या उससे ऊपर की उम्र के हैं, तो आपको TDS में बड़ी राहत मिल गई है। पहले नियम के अनुसार अगर आपको एफडी या आरडी से सालाना 50,000 रुपये से ज्यादा ब्याज मिलता था, तो उस पर 10% TDS कट जाता था।
लेकिन अब 1 अप्रैल 2025 से यह सीमा बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है। यानी, अगर आपकी सालाना ब्याज आय 1 लाख रुपये से कम है, तो कोई टैक्स नहीं कटेगा।
इसका मतलब सीधा है – बुजुर्गों की सेविंग पर ब्याज अब ज्यादा मिलेगा और टैक्स नहीं कटेगा। इससे उनकी रिटायरमेंट प्लानिंग और खर्चों में राहत मिलेगी।
सामान्य खाताधारकों को भी मिलेगा फायदा
केवल सीनियर सिटिजन्स ही नहीं, बल्कि 60 साल से कम उम्र के आम खाताधारकों के लिए भी अच्छी खबर है। अब तक अगर एफडी या आरडी पर सालाना ब्याज 40,000 रुपये से ज्यादा हो जाता था, तो TDS काटा जाता था।
अब यह सीमा बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी गई है। यानी अगर आपका बैंक ब्याज 50,000 रुपये तक है, तो आपकी जेब से टैक्स नहीं कटेगा।
नया नियम एक नजर में – तुलना तालिका
वर्ग | पुरानी TDS सीमा | नई TDS सीमा (1 अप्रैल 2025 से) |
---|---|---|
वरिष्ठ नागरिक (60+) | ₹50,000 | ₹1,00,000 |
सामान्य लोग (<60) | ₹40,000 | ₹50,000 |
TDS दर | 10% | 10% (20% बिना PAN के) |
फॉर्म 15G और 15H: टैक्स से बचने का सीधा तरीका
अगर आपकी कुल सालाना इनकम टैक्स के दायरे से बाहर है, तो आप TDS से पूरी तरह बच सकते हैं। इसके लिए आपको बैंक में ये फॉर्म भरकर देना होता है:
- फॉर्म 15G: 60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए
- फॉर्म 15H: सीनियर सिटिजन्स के लिए
इन फॉर्म्स के जरिए आप यह डिक्लेयर करते हैं कि आपकी आय टैक्स योग्य सीमा से नीचे है। लेकिन ध्यान रहे – गलत जानकारी देना भारी पड़ सकता है, क्योंकि आपकी आय की जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास जाती है।
आपको यह भी याद रखना होगा कि भले ही बैंक TDS न काटे, लेकिन आपको ITR फाइल करते समय ब्याज आय दिखानी होगी।
PAN लिंक कराना है जरूरी
अगर आपने अभी तक अपना PAN नंबर बैंक में अपडेट नहीं कराया है, तो सावधान हो जाइए। क्योंकि ऐसी स्थिति में बैंक TDS 10% की बजाय सीधे 20% काट लेगा।
इसलिए:
- बैंक जाकर PAN अपडेट कराएं
- अपने ब्याज की जानकारी फॉर्म 26AS में समय-समय पर चेक करें
- निवेश करते समय TDS की जानकारी जरूर लें
म्यूचुअल फंड और डिविडेंड पर भी बदले नियम
सिर्फ FD या RD पर ही नहीं, बल्कि म्यूचुअल फंड डिविडेंड और गेमिंग जीत पर भी TDS की नई सीमा लागू हुई है।
- अब म्यूचुअल फंड और डिविडेंड पर TDS की सीमा ₹5,000 से बढ़ाकर ₹10,000 कर दी गई है।
- लॉटरी या गेमिंग में TDS तभी कटेगा जब एक बार में ₹10,000 से ज्यादा की जीत होगी।
कैसे करें प्लानिंग?
- अपनी सालाना ब्याज आय का अनुमान लगाएं
- फॉर्म 15G या 15H समय पर जमा करें
- PAN को बैंक में अपडेट रखें
- फॉर्म 26AS में TDS स्टेटमेंट चेक करते रहें
- अगर टैक्स स्लैब में नहीं आते हैं, तो टैक्स रिटर्न जरूर भरें ताकि रिफंड में दिक्कत न हो
2025 से लागू TDS के नए नियम से लाखों बैंक खाताधारकों को सीधा फायदा मिलेगा। सबसे बड़ी राहत सीनियर सिटिजन्स को है, लेकिन मिडल क्लास के लिए भी यह एक सकारात्मक बदलाव है।
अब एफडी और आरडी से मिलने वाले ब्याज पर टैक्स कम कटेगा या बिल्कुल नहीं कटेगा, जिससे आपकी बचत बढ़ेगी और आप ज्यादा इन्वेस्टमेंट कर सकेंगे।
बस सही जानकारी, डॉक्युमेंटेशन और इनकम टैक्स रूल्स का पालन जरूरी है।