क्या पत्नी को मिल सकता है पति की पैतृक संपत्ति में हिस्सा – जानिए कोर्ट का फैसला  Women Property Rights

By Prerna Gupta

Published On:

 Women Property Rights – आजकल प्रॉपर्टी को लेकर झगड़े आम हो गए हैं। खासतौर पर जब मामला पति-पत्नी और उनके परिवार की संपत्ति का होता है तो अक्सर सवाल उठता है कि क्या पत्नी का अपने पति की पैतृक यानी खानदानी संपत्ति में कोई अधिकार होता है? बहुत सी महिलाएं आज भी इस विषय में पूरी जानकारी नहीं रखतीं, और इसी वजह से कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने पड़ते हैं।

अगर आप भी इसी उलझन में हैं कि शादी के बाद आपको अपने पति की संपत्ति पर कोई हक़ है या नहीं, तो आइए इसे आसान और समझदारी से जानते हैं – एकदम कैजुअल अंदाज में।

खुद की कमाई से खरीदी गई प्रॉपर्टी में पत्नी का हक़?

सबसे पहले समझिए कि अगर पति ने अपनी मेहनत और कमाई से कोई प्रॉपर्टी खरीदी है – जैसे नौकरी से कमाए पैसे से या फिर किसी बिजनेस की इनकम से – तो उसे “स्वअर्जित संपत्ति” कहा जाता है। इस पर सीधे तौर पर पत्नी का कोई कानूनी हक नहीं होता।

यह भी पढ़े:
अब RAC टिकट पर भी मिलेगा पूरा हक – रेलवे का सबसे बड़ा तोहफा Railway Ticket Rule

हां, अगर तलाक की नौबत आ जाए, तो पत्नी कोर्ट से गुज़ारा भत्ता (maintenance) की मांग कर सकती है। लेकिन वह केवल खर्च के लिए होता है, संपत्ति में हिस्सा नहीं।

अगर पति चाहें तो अपनी मर्जी से पत्नी के नाम कोई हिस्सा कर सकते हैं, लेकिन कानून उन्हें ऐसा करने के लिए बाध्य नहीं करता – जब तक कोर्ट से ऐसा आदेश न हो या आपसी समझौता न हुआ हो।

तलाक की स्थिति में क्या होता है?

अब अगर बात तलाक की हो, तो स्थिति थोड़ी अलग हो सकती है।

यह भी पढ़े:
CTET अभ्यर्थियों को झटका! अगस्त की जगह अब दिसंबर में आएगा नोटिफिकेशन CTET 2025 Notification News
  • अगर प्रॉपर्टी पति और पत्नी दोनों के नाम पर है (joint property), तो दोनों को बराबर हक मिलेगा।
  • कोर्ट ये भी देखता है कि उस प्रॉपर्टी में किसका कितना योगदान रहा है – यानी किसने कितना पैसा लगाया।
  • अगर पत्नी ने आर्थिक योगदान नहीं दिया है लेकिन नाम पर है, तो भी हक रहेगा।

लेकिन अगर सिर्फ पति के नाम पर प्रॉपर्टी है और तलाक की प्रक्रिया चल रही है, तो पत्नी उस पर मालिकाना हक की मांग नहीं कर सकती – वो सिर्फ गुजारे भत्ते का दावा कर सकती है।

संयुक्त नाम से खरीदी गई संपत्ति में क्या होता है?

अगर पति और पत्नी ने मिलकर कोई प्रॉपर्टी खरीदी है और उसे जॉइंट नेम में रजिस्टर कराया है, तो वो संपत्ति दोनों की मानी जाती है।

तलाक के समय ऐसी प्रॉपर्टी का बंटवारा दोनों के बीच किया जाता है।

यह भी पढ़े:
1 जुलाई से गैस सिलेंडर के दाम में होगा बड़ा बदलाव – New LPG Cylinder Rates 2025

कोर्ट ये देखेगा कि प्रॉपर्टी खरीदने में किसने कितना आर्थिक योगदान दिया था। इसके लिए बैंक स्टेटमेंट, लोन दस्तावेज़ और रजिस्ट्री की कॉपी जैसी चीजें ज़रूरी सबूत बन सकती हैं।

इसलिए महिलाओं को सलाह दी जाती है कि अगर कोई संपत्ति उनके नाम पर या उनके नाम के साथ खरीदी गई है, तो उसके दस्तावेज़ों को संभालकर रखें।

पति की खानदानी संपत्ति में पत्नी का अधिकार

अब बात आती है असली सवाल की – क्या पत्नी को पति की खानदानी प्रॉपर्टी में कोई हिस्सा मिलता है?

यह भी पढ़े:
बिना इन डॉक्युमेंट्स के रजिस्ट्री होगी अमान्य – सरकार का बड़ा फैसला Land Registry Cancellation Rights

सीधा जवाब है – नहीं मिलता, लेकिन हालात और कानूनी प्रक्रिया के आधार पर कुछ परिस्थितियों में अप्रत्यक्ष रूप से मिल सकता है।

  • अगर पति की संपत्ति पैतृक है यानी उन्हें उनके पिता या दादा से मिली है, तो पत्नी का उस संपत्ति पर सीधा हक नहीं होता।
  • लेकिन अगर पति की मौत हो जाती है और उन्होंने वसीयत नहीं बनाई है, तो हिंदू उत्तराधिकार कानून के तहत पत्नी, बच्चे और माता-पिता उस संपत्ति में बराबर के हिस्सेदार बनते हैं।
  • और अगर पति के पास वसीयत है, जिसमें उन्होंने अपनी संपत्ति किसी और के नाम कर दी है, तो पत्नी उस संपत्ति में हिस्सा नहीं मांग सकती – जब तक कि कोर्ट से वह वसीयत को चुनौती न दे।

वसीयत बनाम कानून

अगर पति ने वसीयत बना रखी है और उसमें पत्नी का नाम शामिल नहीं है, तो उसे प्रॉपर्टी में हिस्सा नहीं मिलेगा – चाहे वो स्वअर्जित हो या खानदानी।

लेकिन अगर वसीयत नहीं है, तो फिर मामला जाता है कोर्ट में और वहां हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम लागू होता है। इस कानून के तहत पत्नी को बेटों, बेटियों और सास-ससुर के साथ बराबर का हिस्सा मिलता है।

यह भी पढ़े:
सरकार का बड़ा ऐलान! राशन कार्ड धारकों को अब फ्री राशन के साथ मिलेंगे ये 8 जबरदस्त लाभ Ration Card New Update 2025

पत्नी का ससुराल में रहने का हक

एक और अहम बात – पत्नी को अपने ससुराल यानी matrimonial home में रहने का पूरा हक है।

चाहे घर पति के नाम पर हो या उसके माता-पिता के, अगर महिला वैवाहिक संबंध में है तो उसे उस घर से निकाला नहीं जा सकता – जब तक कोर्ट से कोई आदेश न हो।

अगर पति या ससुराल वाले ज़बरदस्ती निकालते हैं, तो पत्नी घरेलू हिंसा अधिनियम (Domestic Violence Act) के तहत कार्रवाई कर सकती है।

यह भी पढ़े:
तत्काल टिकट वालों को तगड़ा झटका – 1 जुलाई से लागू होंगे नए नियम Tatkal Train Ticket Rules

महिलाएं क्या करें?

  • कानूनी जानकारी रखें – अपने अधिकारों को जानना जरूरी है।
  • दस्तावेज़ों को संभाल कर रखें – खासकर प्रॉपर्टी और बैंक से जुड़े कागजात।
  • किसी भी कानूनी विवाद की स्थिति में तुरंत वकील से सलाह लें।
  • अगर पति की प्रॉपर्टी में कोई हिस्सेदारी नहीं है, तो मेंटेनेंस की मांग पर ज़ोर दिया जा सकता है।

तो दो टूक बात ये है – शादी के बाद पत्नी को पति की स्वअर्जित संपत्ति में तभी अधिकार मिलता है जब पति खुद दे या कोर्ट आदेश दे।

खानदानी संपत्ति में सीधा हक नहीं होता, लेकिन पति की मौत के बाद उत्तराधिकार कानून के तहत हक बनता है।

पत्नी को ससुराल में रहने का हक जरूर है और अगर प्रॉपर्टी जॉइंट है तो बराबरी का हक भी बनता है।

यह भी पढ़े:
सरकारी कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले! 8वें वेतन आयोग से सैलरी में बंपर बढ़ोतरी तय – 8th Pay Commission News

Prerna Gupta

Hi, I’m Prerna Gupta! I write about government schemes, salary updates, and financial news in a way that’s easy for everyone to understand. My goal is to help people stay informed and make smart decisions. I love simplifying tricky topics and sharing useful updates that actually matter in daily life. Thanks for reading and trusting my words!

Leave a Comment

Join Whatsapp Group🔔 लोन और इन्शुरेंस चाहिए?